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Monday, December 27, 2010

स्त्री- स्वातंत्र्य की शेष प्रतिज्ञाएँ

स्त्री- स्वातंत्र्य  की शेष प्रतिज्ञाएँ
1. 'पुत्री पराया धन है'- इस धारणा का मैं प्रतिवाद करती हूँ क्योंकि, इसे देश का कानून भी अस्वीकार करता है.
२. पौराणिक मिथकों जैसे 'सीता की अग्नि-परीक्षा' आदि को मैं अपनी पूरी शक्ति के साथ अस्वीकार करती हूँ क्योंकि,यही सड़े आदर्श स्त्री को 'गाय' बनाते हैं.
३.'स्त्री घर की मर्यादा है' को मैं गुलामी का प्रतीक मानती हूँ क्योंकि,यह पुरुष को अमर्यादित रहने की छूट देता है.
४.