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Tuesday, June 11, 2019

हम बंटे हैं, बंटे रहेंगे

हम बंटे हैं, बंटे रहेंगे
दिल की भड़ास निकालने EVM को कोसना ठीक है. क्योंकि भड़ास निकलने पर ही आदमी हल्का और संयत होता है. किन्तु यह सच है कि बहुसंख्यक हिन्दू मोदीजी को चाहते हैं. उधर, अमित साह दलित और मुस्लिम समुदाय के बिना चुनाव जीतने का फार्मूला जान चुके हैं, आजमा चुके हैं.
यह ठीक है कि विपक्ष मोदीजी को हारते देखना चाहता था किन्तु राहुल गाँधी की अस्वीकार्यता ने विपक्ष को एक होने से रोका जिसका पूरा लाभ बीजेपी ने उठाया. मोदीजी महा-गठबंधन को 'महा-मिलावट' कह कर बराबर विपक्षी खेमे को हतोत्साहित करते रहे.
सबसे अधिक नुकसान दलित आन्दोलनकारी बुद्धिजीवियों ने किया. वे बसपा सुप्रीमो मायावती को न सिर्फ कोसते रहे वरन अपनी-अपनी पार्टियों के उम्मीदवार खड़े कर बीएसपी के वोटों को काटते रहें.

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