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Tuesday, April 6, 2021

एवं मे सुत्तं (1)

एवं मे सुत्तं(1) 

1. 

जो हाथ देता है, उसे बचाया जा सकता है

जो हाथ ही नहीं देता, उसे बचाना कैसे संभव है ?

यं इच्छेय्य, तं रक्खणं संभवं.

यं न इच्छेय्य, तं कथं सम्भवं ?

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