औपचारिकता-
"सर, मैं यहाँ बैठ जाऊं ?"
ट्रेन में, खाली जगह देख औपचारिकता-वश मैंने पूछ लिया.
"आगे बढ़ जाओ, पूरी ट्रेन खाली है."
तभी एक तिलकधारी पंडितजी आएं और बिना किसी की ओर देखे 'जय श्री राम' का जयघोष कर बैठ गए
शायद, औपचारिकता निभाना अशिष्टता थी !
"सर, मैं यहाँ बैठ जाऊं ?"
ट्रेन में, खाली जगह देख औपचारिकता-वश मैंने पूछ लिया.
"आगे बढ़ जाओ, पूरी ट्रेन खाली है."
तभी एक तिलकधारी पंडितजी आएं और बिना किसी की ओर देखे 'जय श्री राम' का जयघोष कर बैठ गए
शायद, औपचारिकता निभाना अशिष्टता थी !
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