Wednesday, September 16, 2020

पालि अधिट्ठानं

पालि मित्तानं,

पालि सिक्खितुं अयं 'पालि अधिट्ठानं'.

पालि सीखने के निम्मित्त यह 'पालि-अधिष्ठान' है.

दिन्नं पाठं भवन्तानं पति-दिनं लेखनीयं.

दिया पाठ प्रति-दिन आपको लिखना है.

त्तिण्णं मासानं अच्चयेन भवं पालि भासं सक्कोति.

तीन महीने के बाद आप पालि बोल सकते हैं.

पठंमो पाठो
(1 से 20 तक )
संख्या-
1- एकं
2- द्वे
3- तीणि
4- चत्तारि
5- पञ्च
6- छह
7- सत्त
8- अट्ठ
9- नव
10- दस

11- एकादस
12- द्वादस/बारस
13- तेळस/तेरस
14- चतुद्दस
15- पञ्चदस/पण्णरस
16- सोळस
17- सत्तदस/सत्तरस
18- अट्ठादस/अट्ठारस
19- एकूनवीसति
20- वीसति
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पालि अधिट्ठानं 
दुतियो पाठो
(1) वत्तमान कालो: उत्तमो पुरिसो
1. लिखति- लिखता है। 
अहं लिखामि। मयं लिखाम।
मैं लिखता हूॅं। हम लिखते हैं।
इसी प्रकार वाक्य बनाईये-
2. धावति- दौड़ता है। .................................।.................................।
3. चलति- चलता है। .................................।.................................।
4. पठति- पढ़ता है। ...................................।.................................।
5. खेलति- खेलता है। ................................।.................................।
6. नमति- नमन करता है। ..........................।.................................।
7. पस्सति- देखता है।  ...............................।.................................।
8. निसीदति- बैठता है। ...............................।.................................।
9. उट्ठहति- उठता है। ...............................।.................................।
10. विहरति- विहार करता है। ......................।................................।
11. नहायति- नहाता है। ..............................।.................................।
12. इच्छति- इच्छा करता है। ........................।.................................।
13. चजति- त्याग करता है। .........................।.................................।
14. देति- देता है। .......................................।.................................।
15. खादति- खाता है। ..................................।.................................।
16. याचति- याचना करता है। .......................।.................................।
17. नच्चति- नाचता है। ................................।.................................।
18. धोवति- धोता है। ..................................।.................................।
19. सुणोति- सुनता है। ................................।.................................।
20. निन्दति- निन्दा करता है। .......................।.................................।
21. गायति- गाता है। ..................................।.................................।
22. पिबति- पीता है। ..................................।.................................।
23. सयति- सयन करता है। ........................।.................................।
24. रक्खति- रक्षा करता है। .........................।.................................।
25. खिप्पति- फेंकता है। ..............................।.................................।
26. सेवति- सेवा करता है। ..........................।.................................।
27. कम्पति- काम्पता है। .............................।.................................।
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पालि अधिट्ठानं
ततियो पाठो
(2.) वत्तमान कालो: मज्झिमो पुरिसो
1. लिखति- लिखता है। 
त्वं लिखसि। तुम्हे लिखथ।
तू  लिखता है। तुम लोग लिखते हों।
इसी प्रकार वाक्य बनाईये-
2. धावति- दौड़ता है। .................................।.................................।
3. चलति- चलता है। .................................।.................................।
4. पठति- पढ़ता है। ...................................।.................................।
5. खेलति- खेलता है। ................................।.................................।
6. नमति- नमन करता है। ..........................।.................................।
7. पस्सति- देखता है।  ...............................।.................................।
8. निसीदति- बैठता है। ...............................।.................................।
9. उट्ठहति- उठता है। ...............................।.................................।
10. विहरति- विहार करता है। ......................।................................।
11. नहायति- नहाता है। ..............................।.................................।
12. इच्छति- इच्छा करता है। ........................।.................................।
13. चजति- त्याग करता है। .........................।.................................।
14. देति- देता है। .......................................।.................................।
15. खादति- खाता है। ..................................।.................................।
16. याचति- याचना करता है। .......................।.................................।
17. नच्चति- नाचता है। ................................।.................................।
18. धोवति- धोता है। ..................................।.................................।
19. सुणोति- सुनता है। ................................।.................................।
20. निन्दति- निन्दा करता है। .......................।.................................।
21. गायति- गाता है। ..................................।.................................।
22. पिबति- पीता है। ..................................।.................................।
23. सयति- सयन करता है। ........................।.................................।
24. रक्खति- रक्षा करता है। .........................।.................................।
25. खिप्पति- फेंकता है। ..............................।.................................।
26. सेवति- सेवा करता है। ..........................।.................................।
27. कम्पति- काम्पता है। .............................।.................................।
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पालि अधिट्ठानं 
चतुत्थो पाठो
(3.) वत्तमान कालो: अञ्ञ(पठमो) पुरिसो
1. लिखति- लिखता है। 
सो लिखति। ते लिखन्ति।
वह लिखता है। वे लिखते हैं।
इसी प्रकार वाक्य बनाईये-
2. धावति- दौड़ता है। .................................।.................................।
3. चलति- चलता है। .................................।.................................।
4. पठति- पढ़ता है। ...................................।.................................।
5. खेलति- खेलता है। ................................।.................................।
6. नमति- नमन करता है। ..........................।.................................।
7. पस्सति- देखता है।  ...............................।.................................।
8. निसीदति- बैठता है। ...............................।.................................।
9. उट्ठहति- उठता है। ...............................।.................................।
10. विहरति- विहार करता है। ......................।................................।
11. नहायति- नहाता है। ..............................।.................................।
12. इच्छति- इच्छा करता है। ........................।.................................।
13. चजति- त्याग करता है। .........................।.................................।
14. देति- देता है। .......................................।.................................।
15. खादति- खाता है। ..................................।.................................।
16. याचति- याचना करता है। .......................।.................................।
17. नच्चति- नाचता है। ................................।.................................।
18. धोवति- धोता है। ..................................।.................................।
19. सुणोति- सुनता है। ................................।.................................।
20. निन्दति- निन्दा करता है। .......................।.................................।
21. गायति- गाता है। ..................................।.................................।
22. पिबति- पीता है। ..................................।.................................।
23. सयति- सयन करता है। ........................।.................................।
24. रक्खति- रक्षा करता है। .........................।.................................।
25. खिप्पति- फेंकता है। ..............................।.................................।
26. सेवति- सेवा करता है। ..........................।.................................।
27. कम्पति- काम्पता है। .............................।.................................।
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पालि अधिट्ठानं 
पञ्चमो पाठो
अभ्यास
1. अनेकवचन बनाएं-
एकवचन - अनेकवचन
अहं खेलामि।  ----------------------।
अहं पूजेमि।  ----------------------।
अहं चलामि। ----------------------।

त्वं निसीदसि।  ----------------------।
त्वं नहायसि। ----------------------।
त्वं इच्छसि।   ----------------------।

सो लज्जति। ----------------------।
बालको गच्छति।  ----------------------।
माणवको  लिखति। ----------------------।

2. एकवचन बनाएं-
--------------।  मयं देम।
 --------------।  मयं याचाम।
--------------। मयं नच्चाम।

--------------।  तुम्हे सुणोथ।
 --------------।  तुम्हे पिबथ ।
--------------।  तुम्हे पुच्छथ।

--------------।  ते रक्खन्ति।
--------------। ते  गायन्ति।
--------------।  ते आगच्छन्ति।

3. पालि में वाक्य बनाएं-
मैं पढ़ता हूँ।  हम पढ़ते हैं।
------------।  ------------------।
मैं त्यागता हूँ।  हम त्यागते हैं।
------------।  ------------------।
मैं दौड़ता हूँ।  हम दौड़ते हैं।
------------।  ------------------।
तू निंदा करता है।  तुम लोग निंदा करते हो।
------------।  ------------------।
तू धोता है।  तुम लोग धोते हो।
------------।  ------------------।
तू सोता है।  तुम लोग सोते हो।
------------।  ------------------।
 वह उठता है।  वे उठते हैं।
------------।  ------------------।
वह विहार करता है।  वे विहार करते हैं।
------------।  ------------------।
वह नमन करता है।  वे नमन करते हैं।
------------।  ------------------।

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पालि अधिट्ठानं 
छट्ठमो पाठो 
सब्बनाम(सर्वनाम)- 
एसो, एसा, एतं एवं सो, सा, तं पायोगा
'यह(नजदीक)' के लिए पालि में  तीनो लिंगों में क्रमश: एसो, एसा, एतं 
और 'वह'(दूर) के लिए सो, सा, तं प्रयोग होता है.
एकवचन- एसो/एसा/एतं
1. पुल्लिंगे: एसो(यह)
एसो बालको। एसो मनुस्सो। एसो नरो।
एसो धनिको। एसो दलिद्दो। एसो गोपो।
एसो गजो। एसो गद्दभो। एसो कुक्कुटो।
एसो सप्पो। एसो मज्जारो।
एसो रुक्खो। एसो आसन्दो। 

2. इत्थीलिंगे: एसा(यह)
एसा कञ्ञा। एसा मातुच्छा।
एसा अजा। एसा पताका।
एसा कुञ्चिका । एसा मञ्जूसा।
एसा तुला। एसा माला। एसा लता। एसा साखा।
एसा गीवा। एसा जिव्हा। एसा नासा।

3. नपुंसकलिंगे: एतं(यह)
एतं मुखं, एतं चित्तं
एतं फलं, एतं पुप्फं, एतं पण्णं।
एतं उपनेत्तं, एतं पोत्थकं
एतं नगरं, एतं वाहनं, एतं यानं।
एतं भत्तं, एतं ओदनं, एतं जलं।
एतं भवनं, एतं घरं, एतं वातापानं
एतं वीजनं, एतं यन्तं एतं रेलयानं।
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पालि अधिट्ठानं 
सत्तमो पाठो
दूरे(दूर के लिए) 
एकवचनं-  सो, सा, तं
1. पुल्लिंगे: सो
सो बालको। सो मनुस्सो। सो नरो।
सो धनिको। सो दलिद्दो। सो गोपो।
सो गजो। सो गद्दभो। सो कुक्कुटो।
सो सप्पो। सो मज्जारो।
सो रुक्खो। सो आसन्दो। 

2. इत्थीलिंगे: सा
सा कञ्ञा। सा मातुच्छा।
सा अजा। सा पताका।
सा कुञ्चिका। सा मञ्जूसा।
सा तुला। सा माला। सा लता। सा साखा।
सा गीवा। सा जिव्हा। सा नासा।

3. नपुंसकलिंगे: तं
तं मुखं, तं चित्तं
तं फलं, तं पुप्फं, तं पण्णं।
तं उपनेत्तं, तं पोत्थकं
तं नगरं, तं वाहनं, तं यानं।
तं भत्तं, तं ओदनं, तं जलं।
तं भवनं, तं घरं, तं वातापानं
तं वीजनं, तं यन्तं तं रेलयानं।
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पालि अधिट्ठानं 
अट्ठमो पाठो
सब्बनाम(सर्वनाम)
एते/एता/एतानि  एवं  ते/ता/तानि पयोगा-
समीपे(नजदीक के लिए) :  
अनेकवचन- एते/एता/एतानि
1. पुल्लिंगे: एते
एते बालका। एते मनुस्सा। एते नरा।
एते धनिका। एते दलिद्दा। एते गोपा।
एते गजा। एते गद्दभा। एते कुक्कुटा।
एते सप्पा। एते मज्जारा।
एते रुक्खा। एते आसन्दा। 

2. इत्थीलिंगे: एता/एतायो
एता कञ्ञायो। एता मातुच्छायो।
एता अजायो। एता पताकायो।
एता कुञ्चिकायो। एता मञ्जूसायो।
एता तुलायो। एता मालायो। एता लतायो। एता साखायो।
एता गीवायो। एता जिव्हायो। एता नासायो।

3. नपुंसकलिंगे: एते/एतानि
एतानि मुखानि, एतानि चित्तानि
एतानि फलानि, एतानि पुप्फानि, एतानि पण्णानि।
एतानि उपनेत्तानि, एतानि पोत्थकानि
एतानि नगरानि,एतानि  वाहनानि,  एतानि यानानि।
एतानि भत्तानि, एतानि ओदनानि, एतानि जलानि।
एतानि भवनानि, एतानि घरानि, एतानि वातापानानि
एतानि वीजनानि, एतानि यन्तानि एतानि रेलयानानि।
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पालि अधिट्ठानं 
नवमो पाठो
दूरे(दूर के लिए) 
अनेकवचन-  ते, ता, तानि
1. पुल्लिंगं: ते
ते बालका। ते मनुस्सा। ते नरा।
ते धनिका। ते दलिद्दा। ते गोपा।
ते गजा। ते गद्दभा। ते कुक्कुटा।
ते सप्पा। ते मज्जारा।
ते रुक्खा। ते आसन्दा। 

2. इत्थीलिंगे: ता/तायो
ता कञ्ञायो। ता मातुच्छायो।
ता अजायो। ता पताकायो।
ता कुञ्चिकायो । ता मञ्जूसायो।
ता तुलायो। ता मालायो। ता लतायो। ता साखायो।
ता गीवायो। ता जिव्हायो। ता नासायो।

3. नपुंसकलिंगे: ते/तानि
तानि मुखानि, तानि चित्तानि
तानि फलानि, तानि पुप्फानि, तानि पण्णानि।
तानि उपनेत्तानि, तानि पोत्थकानि
तानि नगरानि,तानि  वाहनानि,  तानि यानानि।
तानि भत्तानि, तानि ओदनानि, तानि जलानि।
तानि भवनानि, तानि घरानि, तानि वातापानानि
तानि वीजनानि, तानि यन्तानि तानि रेलयानानि।
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पालि अधिट्ठानं 
दसमो पाठो
मम दिनचरिया
(मेरी दिनचर्या)
मम नाम सीलरतनो। 
मेरा नाम शीलरत्न है.
अहं सत्तरस वस्सीयो बालको अम्हि(हूँ )।
मैं 17 वर्षीय बालक हूँ.
अहं अधुना बारसमे वग्गे अज्झयन करोमि।
मैं अभी 12वी कक्षा में पढ़ता हूँ.
मम पिता कसको अत्थि।
मेरे पिता किसान है.

अहं पभाते(सुबह) उट्ठहामि।
मैं प्रातकाल उठता हूँ.
उट्ठहित्वा मात-पितुनो दस्सनं(दर्शन) करोमि।
उठकर माता-पिता के दर्शन करता हूँ.
अनुकम्मेण बुद्धं वन्दामि।
अनुक्रम में बुद्ध को वंदन करता हूँ.
ततो एकं चसकं(गिलास) जलं पिबामि।
तदन्तर एक गिलास जल पीता हूँ.
ततो पात-किरिया(प्रातक्रिया) सम्पादेमि।
तदन्तर प्रातक्रिया का सम्पादन करता हूँ.
ततो दन्त मज्जनं च मुख धोवनं करोमि।
तदन्तर दन्त-मंजन और मुंह धोता हूँ 
वत्थेन(वस्त्र से) मुखं पुच्छामि।
वस्त्र से मुंह पोछता हूँ.
अनन्तरं पात-भमणं करोमि।
अनन्तर प्रात-भ्रमण करता हूँ.
पात-भमणं आरोग्यकारी।
प्रात-वायु आरोग्यकारी होती है.
पात वायु सुखकारी।
प्रातवायु सुखकारी होती है.
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पालि अधिट्ठानं 
एकादसमो पाठो
मम दिनचरिया
      (2)
मम नाम विसाखा।
मेरा नाम विसाखा है।
अहं सोळस वस्सीया बालिका।
मैं 16 वर्षीय बालिका हूँ।
अहं दसमे वग्गे अज्झयन करोमि।
मैं 10वेें वर्ग/कक्षा में पढ़ती हूँ ।

मम पिता कसको अत्थि।
मेरे पिता किसान है।
मम पिता सासकीय अधिकारी।
मेरे पिता शासकीय अधिकारी हैं.
मम पिता वणिज्जो.
मम पिता व्यवसायी है।

मम नाम रतनमानिका।
मेरा नाम रत्नमानिका है।
अहं गहणी।
मैं गृहणी हूँ।

मम नाम जोति।
अहं सासकीय अधिकारी।
मम नाम ललिता।
अहं समाजसेविका।

अहं सुनीता वाहने.
मैं सुनिता वाहने हूँ.
अहं तिकिच्छिका.
मैं चिकित्सिका हूँ.

अहं विनीता गजभिये.
अहं अभियान्तिका.
मैं अभियांत्रिका हूँ .
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पालि अधिट्ठानं 
बारसमो पाठो
मम दिनचरिया
       (3)
सुप्पभातं
जय भीम. नमो बुद्धाय
नव वादने(बजे) अहं अप्पहारं(अल्पहार) करोमि।
अप्पहारं भुञ्जित्वा(खाकर) अज्झयनं करोमि।
दस वादने अहं विज्झालयं गच्छामि(जाता हूं)।
विज्झालये झानेन(ध्यान से) अज्झयनं करोमि।
अहं मम आचरियानं(आचार्यों का) गारवं(गौरव) करोमि।
ते अम्हे विसयानुसारं पाठेन्ति।
अहं विञ्ञाणं(विज्ञान), गणितं, हिन्दी, पालिं च
आग्लं(अंगेजी) भासा पठामि।
विञ्ञाणं मम पिय विसयो।
पालि मम पिय भासा।
घरे परिवारजनेहि(परिवार के लोगों के) सह(साथ)
पालि वदितुं(बोलने के लिए) अहं वायाम(प्रयास) करोमि।
पालि एका सरला, सुबोधा भासा।
पालि अम्हाकं(हमारी)  संखार(संस्कार) भासा।

मज्झण्हे(मध्याण्ह में) भोजनं भुञ्जामि(भोजन करता हूं)।
अहं सब्बदा(सर्वदा) साकाहारं भोजनं करोमि।
साकाहार भोजनं उत्तमं।
मज्झण्हे भोजनं भुञ्जित्वा(खाकर) पुनं अज्झयनं करोमि।
विज्झालये विविध अवसरेसु(अवसरों पर)
विजिंगिसा(प्रतियोगिताएं) अयोजिता होन्ति।
अहं रुचिपुब्बकं(रूचि पूर्वक) पटिभागं(प्रतिभाग/हिस्सा) गण्हामि(लेती/लेता हूं)।
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पालि अधिट्ठानं 
तेरसमो पाठो
मम दिनचरिया
       (3)
सुप्पभातं
जय भीम. नमो बुद्धाय

अपरण्हे(अपराण्ह में) 
अहं घरं आगच्छामि।
घरं आगत्वा(आकर) 
मुखं च हत्थ-पादे धोवामि।
विज्झालय गणवेसं(स्कूल ड्रेस) 
परिवत्तेमि(बदलता हूं)।
ततो मित्तेहि-सह(मित्रों के साथ) 
कीळामि(खेलता हूं)।
सायंकाले घरस्स(घर के)
सह-कम्मं करोमि।
परिवारजनेहि सह(परिवार-जनों के साथ) 
बुद्ध विहारं गच्छामि(जाता हूँ)।
अम्हाकं(हमारा) बुद्ध विहारो 
सिक्खाय(शिक्षा का) पमुख ठानं(स्थान)।
जना, इध(यहाँ) 
पालि भासा पठन्ति(पढ़ते)  पाठेन्ति(पढ़ाते हैं)।

रत्तियं(रात में) 
अहं भोजनं भुञ्जामि।
अनन्तरं विज्झालयस्स(विद्यालय का)
 गह-कम्मं(गृह-कार्य) करोमि(करता हूँ)।
ततो मात-पितु वन्दित्वा(वन्दन कर) 
सयामि(सोता हूं)।
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पालि अधिट्ठानं 
चतुद्दसमो पाठो
सुप्पभातं
जय भीम. नमो बुद्धाय
पालि-व्याकरण बहुत सरल है-
           (1)
1. पालि में कारक बतलाने के लिए 8 विभक्तियाँ होती हैं-
1. पठमा- कर्ता (ने)
2. दुतिया- कर्म (को)
3. ततिया- करण (से, द्वारा)
4. चतुत्थी- सम्प्रदान (को, के, लिए)
5. पंचमी- अपादान (से)
6. छट्ठी- सम्बन्ध (का, के, की)
7. सत्तमी- अधिकरण (में, पर, पास)
8. आलपन- सम्बोधन (हे!, अरे!)
स्मरण रखने का सूत्र- कर्ता ने, कर्म को, करण से/द्वारा, सम्प्रदान को के लिए, अपादान से, संबंध का के की, अधिकरण में पर पास, सम्बोधन हे अजी अरे!
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पालि अधिट्ठानं 
पञ्चदसमो पाठो
जय भीम. नमो बुद्धाय
पालि-व्याकरण बहुत सरल है-
       (2)
विभक्ति-विन्ह-
मोटे तौर पर उक्त आठ 'विभक्ति-चिन्ह' इस प्रकार होते हैं-
विभत्ति- एकवचन/अनेकवचन
पठमा- सि/ यो
दुतिया- अं/ यो
ततिया- आ/ हि
चतुत्थी- स्स/ नं
पंचमी- स्मा/ हि
छट्ठी- स्स/ नं
सत्तमी- स्मिं/ सु
आलपन- सि/ यो
स्मरण रखने का सूत्र-   सि, यो इति पठमा, अं, यो इति दुतिया, आ, हि इति ततिया, स्स, नं इति चतुत्थी, स्मा, हि, इति पंचमी, स्स, नं इति छट्ठी, स्मिं, सु इति सत्तमी।
3. उक्त विभत्ति चिन्हों को याद करना बड़ा सरल है, क्योंकि- पठमा-आलपन, ततिया-पञ्चमी तथा चतुत्थी-छट्ठी के रूप बहुधा एक जैसे होते हैं.
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पालि अधिट्ठानं 
सोळसमो पाठो
03. 10. 2020
लिंगानि-
पालि में लिंग तीन होते हैं-
1.  पुल्लिंगानि  2. इत्थीलिंगानि  3. नपुंसकलिंगानि

1.  पुल्लिंगानि-
बुद्धो, तथागतो, सुगतो, मग्गो,
अज्झापको, आचरियो, सिस्सो, मनुस्सो,
बालको, युवको, तरुणो,  नरो, दीपो
गजो, सीहो, गद्दभो, वानरो, अस्सो, सप्पो, ,मज्जारो, कुक्कुटो,
सुनखो, महिसो, काको, मोरो, सुको,
सुदो, सेवको, पाचको(चालक), दलिद्दो, धनिको,
नायको, गायको, नच्च्कारो, कलाकारो, चोरो
पादपो, तरुवो, रुक्खो,
देसो, आपणो, आसन्दो
भिक्खु, मुनि, साधु,  सिसु,  गुरु,  
भूपति, गहपति, ञाति(सम्बन्धी)

2. इत्थीलिंगानि-
कञ्ञा, अनुजा, मातुच्छा,
लज्जा, कल्पना, परम्परा,
पूजा, वन्दना, गाथा, भासा,
अज्झापिका, लेखिका, संपादिका, वेज्झा, गायिका, सेविका,
अजा, पिप्पीलिका(चींटी), मक्खिका,
पताका, कुञ्चिका, मञ्जूसा, पेटिका,
पत्तिका(पत्रिका), थालिका, मुद्दिका(अंगूठी), साटिका,
तुला, माला, लता, साखा, नावा,  छुरिका,
पोत्थिका, घटिका(घड़ी), लेखनी, कथा, वसुंधरा.
गीवा, जिव्हा, नासा

3. नपुंसकलिंगानि-
चीवरं, धम्मपदं, चेतियं, रञ्ञं,
पोत्थकं, उपनेत्तं(चश्मा), कण्हफलकं(ब्लेक बोर्ड),
लोचनं, मुखं,  कमलं, हुदयं, चित्तं,
अम्बं, फलं,  पुप्फं,  पत्तं(पत्ता), पण्णं(पन्ना),
नगरं, वाहनं, यानं, जलं, वातापानं(खिड़की),
ओदनं(चांवल ), भत्तं(भात), दुद्धं(दुग्ध),
छत्तं, वत्थं(वस्त्र),
कङकण, कीळनकं(खिलौना),
भवनं, घरं, यन्तं, सासनं, सोपानं(सीढी),
आयुधं, चक्कं, वीजनं(पंखा), रेलयानं
सुत्तं, गीतं, मन्दिरं, द्वारं, वनं, उय्यानं
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पालि अधिट्ठानं 
सत्तदसमो पाठो
04. 10. 2020
एकवचनं - अनेकवचनं
पुल्लिंगे(पुल्लिंग में)-
बुद्धो- बुद्धा।
तथागतो- तथागता।
सुगतो- सुगता।
मग्गो- मग्गा।
अज्झापको- अज्झापका।
आचरियो- आचरिया।
सिस्सो- सिस्सा।
मनुस्सो- मनुस्सा,  इच्चादि(इत्यादि)।

इत्थीलिंगे-
अनुजा- अनुजायो।
मातुच्छा- मातुच्छायो।
लज्जा- लज्जायो।
कल्पना- कल्पनायो।
परम्परा- परम्परायो।
पूजा- पूजायो।
वन्दना- वन्दनायो ।
गाथा- गाथायो।
भासा- भासायो।
अज्झापिका- अज्झापिकायो।
लेखिका- लेखिकायो।
संपादिका- सम्पादिकायो।
वेज्झा- वेज्झायो।
गायिका- गायिकायो।
सेविका- सेविकायो, इच्चादि।

नपुसंकलिंगे-
चीवरं- चीवरा, चीवरानि।
धम्मपदं- धम्मपदा, धम्मपदानि।
चेतियं- चेतिया, चेतियानि।
पोत्थकं- पोत्थका, पोत्थकानि।
उपनेत्तं(चश्मा)- उपनेत्ता, उपनेत्तानि ,
कण्हफलकं(ब्लेक बोर्ड)- कण्हफलका, कण्हफलकानि। ,
लोचनं-लोचना, लोचनानि।
मुखं- मुखा, मुखानि।
कमलं- कमला, कमलानि।
हुदयं - हुदया, हुदयानि।
चित्तं- चित्ता, चित्तानि,  इच्चादि।
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पालि अधिट्ठानं 
अट्ठादसमो पाठो
05. 10. 2020
आचार-वोहारो
(आचार-व्यवहार)
1. अभिवादनं-
जय भीम.
नमो बुद्धाय।
सुप्पभातं।

2. धन्यवाद -  साधुवादो।
 साधु ! साधु !! साधु !!!

3. अनुमोदतु- अनुमोदन करें।
अनुमोदामि- अनुमोदन करता हूँ।

4.  चिंता नहीं है- चिंता नत्थि।
चिंता न करें- मा चिंततु।

5. क्षमा करें-  खमतु।
क्षमा करता हूँ - खमामि।

6. प्रशंसा-
सोभनं।बहु सोभनं।
सुन्दरं।बहु सुन्दरं।
उत्तमं।
सुट्ठुं।
अनुत्तरं।

7. पसंसनीयं-  प्रशंसनीय।
अनुकरणीयं- अनुकरणीय।
वन्दनीयं- वन्दनीय।
अभिनन्दनीयं- अभिनन्दनीय।

8.  समझ गए ? - अवबुद्धं ?
समझे क्या ? अवबुद्धं वा ?
नहीं समझ आया- न बुज्झितं।
हाँ, समझ गए- आम, बुज्झितं।


9.  लेखनीयं- लिखना है।
पठनीयं- पढ़ना है।
सरनीयं- स्मरण करना है।

10.  विदाई-
पुनं मिलाम।
सुभ रत्ति
जय भीम।  नमो बुद्धाय।

अभ्यासो-
दुतिया और ततिया विभत्ति पर आधारित संलाप(बातचीत)
.............................................

पालि अधिट्ठानं 
एकूनवीसतिमो पाठो
09- 10- 2020
समय-कालो
पुब्बण्हो(पूर्वाण्ह)।
मज्झण्हो(मध्याण्ह)।
अपरण्हो(अपराण्ह)। सायण्हो(सायंकाल)।


अज्ज(आज)। हियो(बीता कल)
सुवे(आने वाला कल)
अपरज्जु(अगले दिन)।

सत्ताहो(सप्ताह)। पक्खो(पक्ष)
अद्धमासो(अर्ध्द-मास) मासो(महिना)।
वस्सो(वर्ष )।

एकस्मिं मासे(एक मास में) तिंसति(तीस) दिवसा होन्ति।
एकस्मिं मासे चत्तारो(चार) सत्ताहा होन्ति।
संवच्छरो(संवत्सर/वर्ष)। अनुसंवच्छरो(प्रति वर्ष )।

पञ्च वादनतो(बजे से) छह वादनं(छह बजे) परियन्तं(तक)।
पुब्बण्हतो सायण्हं परियन्तं।
अज्जतो सुवे परियन्तं।
चेत्त मासतो फग्गुनो मासं परियन्तं।

मत्थकतो(मस्तक से) पादानि(पेरों) परियन्तं।
जीवितं परियन्तं(जीवन परियन्त)।

इदानि(अभी) कति(कितना) वादनं?
इदानि को(क्या) समयो?
इदानि छह वादनं।
अज्ज को वारो?
अज्ज रविवारो।
बुधवारे को दिनांको?
बुधवारे पञ्चदसो जनवरी दिनांको।
अज्ज कतमी(कौन-सी) तिथि अत्थि(है) ?
अज्ज सुक्क-पंचमी तिथि अत्थि।

भवं कति वादने आगतो(आ गए)?
अहं(मैं) दस वादने आगतो।
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पालि अधिट्ठानं 
विसतिमो पाठो
09- 10- 2020
समय-कालो
पुब्बण्हो(पूर्वाण्ह)।
मज्झण्हो(मध्याण्ह)।
अपरण्हो(अपराण्ह)। सायण्हो(सायंकाल)।

अज्ज(आज)। हियो(बीता कल)
सुवे(आने वाला कल)
अपरज्जु(अगले दिन)।

सत्ताहो(सप्ताह)। पक्खो(पक्ष)
अद्धमासो(अर्ध्द-मास) मासो(महिना)।
वस्सो(वर्ष )।

एकस्मिं मासे(एक मास में) तिंसति(तीस) दिवसा होन्ति।
एकस्मिं मासे चत्तारो(चार) सत्ताहा होन्ति।
संवच्छरो(संवत्सर/वर्ष)। अनुसंवच्छरो(प्रति वर्ष )।

पञ्च वादनतो(बजे से) छह वादनं(छह बजे) परियन्तं(तक)।
पुब्बण्हतो सायण्हं परियन्तं।
अज्जतो सुवे परियन्तं।
चेत्त मासतो फग्गुनो मासं परियन्तं।

मत्थकतो(मस्तक से) पादानि(पेरों) परियन्तं।
जीवितं परियन्तं(जीवन परियन्त)।

इदानि(अभी) कति(कितना) वादनं?
इदानि को(क्या) समयो?
इदानि छह वादनं।
अज्ज को वारो?
अज्ज रविवारो।
बुधवारे को दिनांको?
बुधवारे पञ्चदसो जनवरी दिनांको।
अज्ज कतमी(कौन-सी) तिथि अत्थि(है) ?
अज्ज सुक्क-पंचमी तिथि अत्थि।

भवं कति वादने आगतो(आ गए)?
अहं(मैं) दस वादने आगतो।
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पालि अधिट्ठानं 
विसतिमो पाठो
10- 10- 2020
अभ्यासो-
पालि में उत्तर दीजिये-
1. आज कौन-सा दिन है ?
2. आज कौन-सी तिथि है ?
3. आप प्रात: काल कितने बजे उठते है ?
4. एक सप्ताह में कितने दिन होते हैं ?
5 . आप कितने बजे भोजन करते हैं ?
6 . अभी कितना बजा है ?
7 . कल कौन-सा दिन था ?
8. एक वर्ष में कितने दिन होते हैं ?
9. चैत  मास से फाल्गुन तक कितने महीने होते हैं ?
10. आप कितने बजे सोते हैं ?

पञ्होत्तरं (प्रश्नोत्तर)-
1. आज कौन-सा दिन है ?
अज्ज सनिवारो.
2. आज कौन-सी तिथि है ?
अज्ज दुतिय (कण्ह) पक्खस्स अट्ठमी तिथि।
3. आप प्रात: काल कितने बजे उठते है ?
अहं पात काले छह वादने उट्ठहामि।
4. एक सप्ताह में कितने दिन होते हैं ?
एकस्मिं सत्ताहे सत्त दिनानि होन्ति।
5 . आप कितने बजे भोजन करते हैं ?
अहं अपरण्हे बारह/एक वादने भोजनं करोमि।
6 . अभी कितना बजा है ?
इदानि पात अट्ठ वादनं।
7 . कल कौन-सा दिन था ?
हियो सुक्कवारो आसि.
8. एक वर्ष में कितने दिन होते हैं ?
एकस्मिं सवंच्छरे 365 दिनानि होन्ति।
9. चैत मास से फाल्गुन तक कितने महीने होते हैं ?
चेत मासतो फग्गुनो मासं परियन्तं द्वादस मासानि होन्ति।
10. आप कितने बजे सोते हैं ?
अहं रत्तियं दस वादने  सयामि।
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11.10. 2020
पालि अधिट्ठानं
धम्मचक्कपवत्तन दिवसो
           (1) 
निवेदनं-
सुप्पभातं
पालि मित्तानं, जय भीम
अज्ज रविवारो
अक्टू. मासस्स अज्ज एकादस दिनांको
द्वे दिवसा तदन्तरणं 14 अक्टू. धम्मचक्क पवत्तन दिवसो.
अस्मिं दिवसे, नागपुर दिक्खा भूमियं
बाबासाहब अम्बेडकरो भारत भूमियं
पुनं धम्मचक्क पवत्तयि.
सम्पूण्णं विस्से, 14 अक्टू.
जना सरन्ति, मानेन्ति.
14 अक्टू. अम्हाकं महत्तो उस्सवो
तस्स हेतु, अम्हे
अज्जतो घरं सुद्धं विमलं करणीयं
दीपमालाय आवस्सकं साज-सज्जा करणीयं
विविध पकवान मिट्ठानं पाचनीयं
अयं अम्हाकं 'दीपावली'
तस्स हेतु अयं
मम सादरं विनयं.
भवतु सब्ब मंगलं.
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12. 10. 2020
पालि अधिट्ठानं
धम्मचक्कपवत्तन दिवसो 
           (2) 
पर सुवे 14 अक्टू. दिनंके
धम्मचक्क पवत्तन दिवसो
अयं महत्तपुण्णं उस्सवो 
अयं दीपावली
दीपावली अत्थं दीपमाला
दीपमाला पकासं
घरस्स पकासं
अन्ते-बाहरि पकासं
मन-अन्तरि पकासं.
पकासं अत्थं किं ?
पकासं अत्थं तमं नासं.
तमं अत्थं कि ?
तमं अत्थं अञ्ञाणं.
अञ्ञाणस्स नासं.
अविज्झाय नासं.
को नासेति अञ्ञाणं ?
को दीपको ?
बाबासाहब अम्बेडकरो नासेति अञ्ञाणं.
सो दीपको.
को बाबासाहब अम्बेडकरो ?
सो तारको.
सो उद्धारको. 
सो मग्ग-दाता.
सो पथ-पदस्सको.
सो बंधनं-त्राता.
सो दुक्ख-हरता.
सो चक्खु-दाता.

सो देसस्स विधाता
विधिवेत्ता, इतिहास-वेत्ता

सो दलितानं उद्धारको
नारीनं सम्बलो
मूक-बधिरानं सहायो

धम्मस्स पतिट्ठापको
धम्मट्ठो
धम्माधिकारी,  सीलाचारी

सो भारतस्स निधि, 
विस्स-निधि 
जन- नायको
अनुत्तरो
ते मम नमन 
तेसं वन्दनं

को तस्स जनका ?
भीमा तस्स जनका.
किं तस्स नाम ?
भीमराव तस्स नाम.
को तस्स जनको ?
रामजी सकपाल तस्स जनको.
कस्स उदरी सो निब्बत्तयि ?
भीमा उदरी सो निब्बत्तयि.
ते बुद्धरूपो, ते सुद्धरूपो 
ते बोधिसत्तो

14 अक्टू. दिवसे 
नागपुर दिक्खा भूमियं
ते धम्म-चक्क पवत्तयि.
ते दीपो, ते पदीपो 
ते पूण्णमिय चन्दो
ते  सम-भाव सुरियो
तेसं नमन.
तेसं वन्दनं.
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13. 10. 2020
पालि अधिट्ठानं 
एकवीसतिमो पाठो
मित्तानं सल्लापं

धम्मचक्कपवत्तन दिवसो 

            (3)

राहुलो- मितं! जयभीम.

आनन्दो- सादरं जयभीम. भवं कथं अत्थि ?

राहुलो- अहं कुसलो अम्हि. 

त्वं कथं अत्थि ?

आनन्दो- अहं अपि कुसलो अम्हि. 

सुवे, 14 अक्टू. अत्थि.

राहुलो- आम! सुवे धम्मचक्क पवत्तन दिवसो अत्थि.

भवन्ता, कथं(कैसे) आचरेस्सन्ति(मनाओगे) ?

आनन्दो- मयं घरस्स सम्मुज्जनं करिस्साम. 

बुद्धविहारं अपि सुद्धं च विमलं करिस्साम.

गेहस्स साज-सज्जा करिस्साम. 

पन्तिसु दीपमालायो सज्जन्ति.

परिवार-सह बुद्ध विहारं गच्छन्ति.

राहुलो- नव वत्थानि कीणन्ति.

विविधानि मिट्ठानानि च पाकानि पच्चन्ति.

आनन्दो- आम ! मितं,  महिलायो न केवलं घरे 

विविधानि मिट्ठानानि च पाकानि पच्चन्ति.

अपितु ञातीनं, मित्तानं

मिट्ठानानि च पाकानि वितरन्ति.

राहुलो-  अयं अम्हाकं दुक्ख हरण दिवसो.

सामाजिक पताड़नाय मुत्ति दिवसो.

आनन्दो- आम! मितं, सच्चं वदतु

बाबासाहब अम्बेडकरो अम्हाकं मुत्तिदाता.

सो चक्खुदाता, सो  मग्गदाता. 

सो ञाणं दाता. 

सो दीपको, सो पदीपको.

राहुलो- आम ! साधुकारं मितं. तेसं साधुवादो.

कतुञ्ञो मयं सब्बे तेसं.  

आनन्दो- आम ! मितं, साधुवादो. 

अथ मम गच्छन्तं कालं.

राहुलो- साधुवादो मितं, पुनं मिलाम

आनन्दो- मितं! सुभ रत्तिं.

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पालि अधिट्ठानं 



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पालि अधिट्ठानं 
बावीसतिमो पाठो
09. 10. 2020
संख्या 11 से 50 तक 
11. एकादस 12. द्वादस/बारस
13. तेरस/तेळस  14. चतुद्दस
15. पंचदस/पण्णरस 16. सोळस
17. सत्तदस 18. अट्ठदस
19 एकूनवीसति 20. वीसति

21. एकवीसति 22. बावीसति
23. तेवीसति 24. चतुवीसति
25. पंचवीसति 26. छब्बीसति
27. सत्तवीसति 28. अट्ठवीसति
29. एकूनत्तिंसति 30. त्तिंसति

31. एकत्तिंसति 32. बत्तिंसति
33. तेत्तिंसति 34. चतुत्तिंसति
35. पंचत्तिंसति 36. छहत्तिंसति
37. सत्तत्तिंसति 38.अट्ठत्तिंसति
39. एकूनचत्तालिसति 40. चत्तालिसति/चत्ताळीसति
 
41. एकचत्तालिसति 42. द्वेचत्तालिसति
43. तिचत्तालिसति 45. चतुचत्तालिसति
45. पंचचत्तालिसति 46. छहचत्तालिसति
47. सत्तचत्तालिसति 48. अट्ठचत्तालिसति
49. एकूनपञ्चासा 50 पञ्चासा
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पालि अधिट्ठानं 
तेवीसतिमो पाठो
10. 10. 2020
किरिया पयोगा-
वत्तमान कालो(उत्तमो पुरिसो)
लिखति- लिखता है।
एकवचन- अनेकवचन
अहं लिखामि। मयं लिखाम।
मैं लिखता हूॅं। हम लिखते हैं।
इसी प्रकार वाक्य बनाईये-
28. मद्दति- मर्दन करता है। .............................।...................................।
29. निम्मीलेति- आंखे झपकता है। .....................।................................।
30. उम्मीलेति- आंखे खोलता है। ........................।................................।
31. निवसति- निवास करता है। ........................।.................................।
32. तोटेति- तोड़ता है। ....................................।...................................।
33. कत्तेति- काटता है। ..................................।.....................................।
34. खण्डेति- खण्ड-खण्ड करता है। ....................।.................................।
36. पप्पोति- प्राप्त करता है। ............................।....................................।
37. लभति- प्राप्त करता है। .............................।....................................।
38. विकसति- विकसित करता है। ....................।..................................।
39. वड्ढेति- बढ़ता है। ...................................।.....................................।
40. जानाति- जानता है। .................................।...................................।
41. बुज्झति- बुझता/समझता है। ......................।.................................।
42. अन्विसति- अन्वेषण करता है। ...................।.................................।
43. हिंसति- हिंसा करता है। ............................।...................................।
44. लज्जति- लज्जा/शर्माता है। .......................।..................................।
45. सोभति- शोभा देता है। .............................।....................................।
46. रोचति- रुचिकर लगता है। .........................।..................................।
47. हसति- हंसता है। .....................................।...................................।
48. रुदति- रुदन करता है। ............................।....................................।
49. पचति- पकाता है। ..................................।....................................।
50. उड्डेति- उड़ता है। ..................................।.....................................।
51. डयति- उड़ता है। ....................................।.....................................।
52. चिनोति- चुनता है। ..................................।...................................।
53. उपदिसति- उपदेश देता है। ......................।....................................।
54. कण्डुवति- खुजलाता है। ..........................।....................................।
55. झायति- ध्यान करता है। ..........................।...................................।
56. जयति- जीतता है। .................................।.....................................।
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पालि अधिट्ठानं 
चतुवीसतिमो पाठो
11. 10. 2020
अज्ज पाठो
किरिया पयोगा-
वत्तमान कालो(अञ्ञ पुरिसो)
लिखति- लिखता है।
एकवचन- अनेकवचन
सो लिखति। ते लिखन्ति ।
वह लिखता है। वे लिखते हैं।
28. मद्दति- मर्दन करता है। .............................।.................................।
29. निम्मीलेति- आंखे झपकता है। .....................।.............................।
30. उम्मीलेति- आंखे खोलता है। ........................।.............................।
31. निवसति- निवास करता है। ........................।...............................।
32. तोटेति- तोड़ता है। ....................................।.................................।
33. कत्तेति- काटता है। ..................................।..................................।
34. खण्डेति- खण्ड-खण्ड करता है। ....................।..............................।
35. जलति- जलता है। ....................................।...............................।
36. पप्पोति- प्राप्त करता है। ............................।...............................।
37. लभति- प्राप्त करता है। .............................।................................।
38. विकसति- विकसित करता है। ....................।..............................।
39. वड्ढेति- बढ़ता है। ...................................।................................।
40. जानाति- जानता है। .................................।...............................।
41. बुज्झति- बुझता/समझता है। ......................।.............................।
42. अन्विसति- अन्वेषण करता है। ...................।.............................।
43. हिंसति- हिंसा करता है। ............................।................................।
44. लज्जति- लज्जा/शर्माता है। .......................।..............................।
45. सोभति- शोभा देता है। .............................।...............................।
46. रोचति- रुचिकर लगता है। .........................।.............................।
47. हसति- हंसता है। .....................................।...............................।
48. रुदति- रुदन करता है। ............................।................................।
49. पचति- पकाता है। ..................................।................................।
50. उड्डेति- उड़ता है। ..................................।................................।
51. डयति- उड़ता है। ....................................।................................।
52. चिनोति- चुनता है। ..................................।...............................।
53. उपदिसति- उपदेश देता है। ......................।.................................।
54. कण्डुवति- खुजलाता है। ..........................।.................................।
55. झायति- ध्यान करता है। ..........................।................................।
56. जयति- जीतता है। .................................।..................................।

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पालि अधिट्ठानं 
पञ्चवीसतिमो पाठो
12. 10. 2020
वाक्यानि पयोगा 
निम्न वाक्यों को देख कर अपने मन से एक-एक वाक्य बनाइएं-
सोभति-
रजनी केस-बंधने आवेला बहु सोभति।
रेखाय केस-बंधनं बहु सोभति।

लभति-
यं कम्म करोति तं फलं लभति।
कुसल कम्मेन यसो लभति।
सिक्खाय ञाणं लभति।

विकसति-
सम्मा नागरिकेहि भारत देसो विकसति।
सम्मा वायामेन पालि भासा विकसति।

 वड्ढति-
पादपो(पौधा) वड्ढति, सो रुक्खो भवति।
आयु वड्ढेति, अनुभवो वड्ढेति ।

जानाति-
सुजाता बहु पालि सद्दा जानाति।
पुस्पा पालि भासा जानाति।

बुज्झति-
सुनन्दा पालि वाक्यानि सम्मा बुज्झति।
ललिता पालि भासा बुज्झति।

अन्विसति-
सीलरतनो नवं नवं पालि वाक्यानि अन्विसति।
वेज्झो कोरोना रोग निदानो अन्विसति।

हिंसति-
व्यग्घो मिगे हिंसति।
मज्जारी उन्दिरा हिंसति।

लज्जति-
लज्जा नारी च नरानं आभुसनं।
अत्तनो रूपं पस्सित्वा सुन्दरा लज्जति।

रुदति-
सिसु रुदनं सुणोत्वा अम्मा आगच्छति।
अम्मा पस्सित्वा सिसु रुदति।

पचति-
बुद्ध पुण्णमियं विविध पाकानि पाचनियानि।
अहं पुण्णमियं पायसं पचामि।

उड्डेन्ति-
भमरा उय्याने उड्डेन्ति।
खगा आकासे डयन्ति/उड्डेन्ति।

चिनोति-
बलिकायो उय्याने पुप्फानि चिनोन्ति।

कंडुवति-
मम पिट्ठं कंडुवति।
मम पाद तलं कंडुवति।

जयति-
जोति गीत-वादितं जयति।
सीलरतनो बाधा-धावनं जयति।
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पालि अधिट्ठानं 
पञ्चवीसतिमो पाठो
13.10. 2020
किरिया पयोगा-
वत्तमान कालो(मज्झिम पुरिसो)
लिखति- लिखता है।
एकवचन- अनेकवचन
त्वं लिखसि। तुम्हे लिखथ ।
तू लिखता है। तुम लोग लिखते हो ।

इसी प्रकार वाक्य बनाईये-
28. मद्दति- मर्दन करता है। .............................।.........................।
  त्वं कोधं मद्दसि।  तुम्हे कोधं मद्दथ
29. निम्मीलेति- आंखे झपकता है। .....................।.........................।
  त्वं चक्खुं निम्मिलेसि. तुम्हे चक्खूनि निम्मिलेथ।
30. उम्मीलेति- आंखे खोलता है। ........................।.........................।
  त्वं अक्खिं उम्मिलेसि। तुम्हे अक्खिनि उम्मिलेथ।
31. निवसति- निवास करता है। ........................।.........................।
  त्वं कुत्थ निवससि ? तुम्हे कुत्थ निवसथ ?
32. तोटेति- तोड़ता है। ....................................।.........................।
  त्वं सपथ तोटेसि। तुम्हे सपथ तोटेथ।
33. कत्तेति- काटता है। ..................................।.........................।
  त्वं दन्तेहि कत्तेसि।  तुम्हे दन्तेहि कत्तेथ।
34. खण्डेति- खण्ड-खण्ड करता है। ....................।.........................।
  त्वं उच्छुं खंडेसि। तुम्हे उच्छुवो खंडेथ।
35. जलति- जलता है। ....................................।.........................।
  त्वं पञ्ञं पदीपं जलसि। तुम्हे पञ्ञे पदीपे जलथ।
36. पप्पोति- प्राप्त करता है। ............................।........................।
  त्वं धम्मपदं पप्पोसि। तुम्हे धम्मपदानि पप्पोथ।
37. लभति- प्राप्त करता है। .............................।........................।
  त्वं यसो लभसि। तुम्हे यसानि लभथ।
38. विकसति- विकसित करता है। ....................।........................।
  त्वं विकससि।  तुम्हे विकसथ।
39. वड्ढेति- बढ़ता है। ...................................।........................।
  त्वं वड्ढेसि।  तुम्हे वड्ढेथ।
40. जानाति- जानता है। .................................।........................।
  त्वं जानासि।  तुम्हे जानाथ।
41. बुज्झति- बुझता/समझता है। ......................।.......................।
  त्वं बुज्झसि।  तुम्हे बुज्झथ।
42. अन्विसति- अन्वेषण करता है। ...................।......................।
  त्वं अन्विससि। तुम्हे अन्वसथ।
43. हिंसति- हिंसा करता है। ............................।......................।
  त्वं हिन्ससि।  तुम्हे हिन्सथ।
44. लज्जति- लज्जा/शर्माता है। .......................।..............................।
  त्वं लज्जति।  तुम्हे लज्जथ।
45. सोभति- शोभा देता है। .............................।..............................।
  त्वं शोभसि। तुम्हे सोभथ।
46. रोचेति- रुचिकर लगता है। .........................।.............................।
  त्वं पालि भासा रोचेसि। तुम्हे पालि भासा रोचेथ।
47. हसति- हंसता है। .....................................।...............................।
  त्वं हससि। तुम्हे हसथ।
48. रुदति- रुदन करता है। ............................।................................।
  त्वं रुदसि। तुम्हे रुदथ।
49. पचति- पकाता है। ..................................।................................।
  त्वं पचसि।  तुम्हे पचथ।
50. उड्डेति- उड़ता है। ..................................।................................।
  त्वं उड्डेसि।  तुम्हे उड्डेथ।
51. डयति- उड़ता है। ....................................।................................।
  त्वं डयसि।  तुम्हे डयथ।
52. चिनोति- चुनता है। ..................................।...............................।
  त्वं चिनोसि। तुम्हे चुनाेथ।
53. उपदिसति- उपदेश देता है। ......................।.................................।
  त्वं उपदिससि। तुम्हे उपदेसथ।
54. कण्डुवति- खुजलाता है। ..........................।.................................।
  त्वं कंडुवसि।  तुम्हे कंडुु वथ।
55. झायति- ध्यान करता है। ..........................।................................।
  त्वं झायसि। तुम्हे झायथ।
56. जयति- जीतता है। .................................।.................................।
  त्वं जायसि।  तुम्हे जयथ।
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20. 10. 2020
असोक अधिट्ठानं
Asoka Adhitthaanm
1. सबको जय भीम. नमो बुद्धाय 
All of you, Jay Bhim, Namo Buddhaya.
सब्बेसानं मम जयभीम, नमो बुद्धाय
Sabbesaanm mama Jaybhima, Namo Buddhaaya 
2. मैं मेरा परिचय बताऊंगा.
I shall give my introduction.
अहं अत्तनो परिचयो पवक्खामि.
Aham attano Parichayo Pavakkhaami.
3. मैं असोक सरस्वती बोधि हूँ.
I am Ashok Sarswati Bodhi.
अहं असोक सरस्वती बोधि अम्हि.
Aham Asoka Sarswatii Bodhi amhi.
4. मैं नागपुर में रहता हूँ.
I am living in Nagpur.
अहं नागपुर नगरे निवसामि.
Aham Nagpura Nagare Niwasaami
5.  मैं धम्म-प्रचारक हूँ.
I am Dhamma-Pacharaka
अहं धम्म-पचारको.
Aham Dhamma-Pachaarako.
6.  मैं बुद्ध विहार समन्वय समिति का समन्वयक हूँ.
I am co-ordinator of 'Buddha Vihar Samanvaya Samiti'.
अहं बुद्ध विहार समन्वय समितिया समन्वयको.
Aham Buddha Vihar Samanvaya Samitiya Samanvayako.
7. मुझे सबके साथ मैत्री करना है.
I have to make Friendship' with all of you.
मं सब्बेसानं मेत्ता करणीया.
mam Sabbesaanam Metta Karaniiya.
8. समता, स्वातंत्र्य- बंधुत्व-न्याय ; यही मेरा जीवन मूल्य है.
'Equality-Freedom-Fraternity-Justice' is my life's Mission.
समता-स्वातंत्र्य-बंधुत्व- ञायं; मम जीवनं मूल्यं.
Samata-Swaatantrya-Bandhutva- Nyaaya; mama Jiivanam Mulyam.
9. बुद्ध मेरे शास्ता है.
Buddha is my Guru.
बुद्ध मम सत्था.
Buddha mama Sattha.
10. बाबासाहब भीमराव मेरे आदर्श हैं.
Baba sahab Bhimrao is my Ideal.
बाबासाहब अम्बेडकरो मम आचरणीयं पुरिसो.
Baba Sahab Ambedkaro Mama Aacharaniiyam Puriso. 

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