Tuesday, October 5, 2010

जुलुशो में हथियारों का प्रदर्शन धार्मिक उन्माद पैदा करता है.

दैनिक भास्कर जबलपुर ५ अग. १० की खबर के अनुसार, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिक की अध्क्षता वाली युगलपीठ ने पुलिस से पूछा है कि विगत २ सित. को जन्माष्टमी पर्व पर निकाली गई रैली में कथित रूप से हथियारों का प्रदर्शन किये जाने के मामले पर अब तक क्या करवाई की गई ? तत्सम्बंध में दायर अपील में इसी कोर्ट की एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमे इसी मुद्दे पर दायर याचिका पर विगत २२ सित को हस्तछेप करने से इंकार कर दिया गया था।
आये दिनों देखा जाता है की आर एस एस , विश्व हिन्दू परिषद् , बजरंगदल आदि संगठनों द्वारा निकाले गए जुलुशो में हथियारों का प्रदर्शन किया जाता है और पुलिस तमाशाबीन बनी रहती है । इस देश में भाजपा प्रमुख राजनीतिक दल है। कई राज्यों में उसकी सरकारे है। केंद्र में वह रह चुकी है। क्या एक राष्ट्रीय पार्टी को इस पर चितन नहीं करना चाहिए ? निश्चित रूप से जुलुशो में हथियारों का प्रदर्शन धार्मिक उन्माद के साथ जनमानस में भय का वातावरण पैदा करता है। देखे, उक्त अपील पर पुलिस क्या जवाब देती है ।

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