एक बार अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति की हैसियत से अमेरिकी संसद में भाषण दे रहे थे. लिंकन थोडा ऊँची
आवाज बोल रहे थे ताकि सामने बैठे लोगों की अंतिम पंक्ति तक उनकी बात पहुँच सके. मगर,यह बात सामने बैठे एक सांसद महोदय को नागवार लग रही थी.वे बीच भाषण में उठ कर टोकने लगे-
"जनाब ! आप जरा धीमी आवाज में बोलिए.आपके पिता मेरे जूते सिलते थे".
संसद में सन्नाटा छा गया.थोड़ी देर बाद अपने आप को संयत करते हुए अब्राहम लिंकन ने जवाब दिया-
"महोदय,यह तो बताइए कि मेरे पिता ने आपके जूते कभी ख़राब तो नहीं सिले थे" ?
"महोदय,यह तो बताइए कि मेरे पिता ने आपके जूते कभी ख़राब तो नहीं सिले थे" ?
सांसद महोदय संभले, बोले-
" नहीं, सचमुच वे नामी कारीगर थे और बहुत बढ़िया जूता सिलते थे".
" नहीं, सचमुच वे नामी कारीगर थे और बहुत बढ़िया जूता सिलते थे".
अब लिंकन ने जवाब दिया-
महोदय, इसीलिए मै ऊँची आवाज में बोल रहा हूँ ".
महोदय, इसीलिए मै ऊँची आवाज में बोल रहा हूँ ".
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