उ प्र में बीएसपी-एसपी गठबंधन की जो दलित नेता, सामाजिक चिन्तक और बुद्धिजीवी आलोचना करते हैं, वे अपनी कुंठा ही प्रदर्शित करते हैं. यह इस कमी को भी रेखांकित करता है कि दलित-हितों की लम्बी-लम्बी बातें करने के बाद भी हम 'एक' क्यों नहीं हैं ? हिन्दू तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद 'राम मंदिर' पर एक हो जाते हैं मगर, दलित ? इन्हें लखनऊ और नोएडा का 'दलित स्मारक' भी एक नहीं कर पाता ? धन्य हैं हम और हमारी राजनीति !
No comments:
Post a Comment