सारे चेनल कुम्भ मेले में लगे है ? ताज़ा तरीन खबरों को भी दिखाने की किसी को फुर्सत नहीं है ? मगर, 14 अक्टू. दीक्षा-भूमि का नजारा दिखाने इन राष्ट्रीय न्यूज चेनलों के कैमरे चुप्पी साध लेते हैं चेत्य भूमि मुंबई हो या जन्म-स्थान मऊ की कवरेज, इनका कम्प्लीट 'ब्लेक-आउट' होता है. मीडिया की यही सड़ांध मुस्लिम जलसों और क्रिश्चियन प्रोग्रामों के समय होती है ? हमें कुम्भ मेला कवरेज पर उतनी शिकायत नहीं है जितनी मीडिया के दलित, अल्पसंख्यक विरोधी होने की. दलित और अल्पसंख्यक राजनीति के ठेकेदारों को इस पर चिंतन करना चाहिए.
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