Tuesday, January 30, 2018

परिवर्तन मिशन स्कूल: अशोक नगर (Parivartan Mission School Ashoknagar)

परिवर्तन मिशन स्कूल असोकनगर

स्कूल एक ऐसी संस्था है, जहां बच्चे शिक्षित ही नहीं होते वरन संस्कारित भी होते हैं। यही कारण है कि सिक्ख, ईसाईं, मुस्लिमों के अपने-अपने स्कूल हैं।
दूसरे, सरकारी स्कूल बेरोजगार पैदा होने के सरकारी-संस्थान बन गए हैं और इसलिए  अमीर लोग अपने अलग स्कूल चलाते हैं।

एक जमाना था जब बुद्धिस्ट भारत में नालन्दा, तक्षशिला जैसे छह वि  श्वविद्यालय थे। देश-विदेश के विद्यार्थी  यहां बड़ी संख्या में पढ़ने आते थे। भारत को विश्व-गुरू का दर्जा हासिल था।
डॉ. आनन्द,  उन स्वर्णिम दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि फिर, ऐसा क्या हुआ कि शिक्षा के क्षेत्र में यह देश भिखारी हो गया? जहाँ बड़े-बड़े विद्वान् होते थे, वह सांप-सपेरों का देश बन  गया ? हमें स्थिति को बदलना होगा। हाथ पर हाथ धरे न बैठ कर हमें अपने स्कूल खोलने होंगे, अपनी इमारतें हमें खुद बनानी होगी और तभी भारत का नव-निर्माण होगा।
शिक्षा के प्रति शासन के रूख पर कड़ा एतराज जताते हुए डॉ. आनन्द ढेरों प्रमाणों के साथ दावा करते हैं कि सरकार जान-बूझ कर बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। सिर्फ संवैधानिक खाना-पूर्ति के लिए मिड-डे-मिल वितरित करती है ताकि बच्चों की उपस्थित वह कागज पर दिखा सके।

सनद रहे, डा. आनंद ने इसी उद्देश्य से बी. ए. एम. एस. (बाबा साहेब अम्बेडकर मिशन सोसायटी) संस्था स्थापित की है।  इस संस्था का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण भारत है।  संस्था का मुख्यालय दिल्ली में है तथा एक  प्रांतीय कार्यालय लखनऊ में है। संस्था के उद्देश्यों में एक उद्देश्य परिवर्तन मिशन स्कूल खोलना है।  संस्था के अंतर्गत देश के कई प्रदेशों में ऐसे स्कूलों की लम्बी श्रंखला है।  उन्हीं में से एक 'परिवर्तन मिशन स्कूल अशोकनगर' है। 

No comments:

Post a Comment