Tuesday, March 16, 2021

भगवा वुच्चति-

भगवा वुच्चति-

(बुद्ध कहते हैं)

यथा नदियो नाना पब्बता, नाना ठाना

जिस प्रकार नदियाँ भिन्न भिन्न पर्वतों, भिन्न भिन्न स्थानों से 

आगच्छन्ति च समादियन्ति समुद्दो

आती हैं और समुद्र में मिलती हैं,

तथेव जना, नाना कुला नाना वंसा 

उसी प्रकार लोग भिन्न-भिन्न कुल और वंश  

चजन्ति च समादियन्ति धम्मो.

त्याग कर भगवान के धम्म को अंगीकार करते हैं.


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