Sunday, October 18, 2020

सिक्किम राज्य में बौद्ध विश्वविद्यालय

 सिक्किम राज्य में बौद्ध विश्वविद्यालय * सिक्किम में जल्द ही बौद्ध विश्वविद्यालय ।

डेढ़ हजार साल पहले भारत में मंदिरों और तीर्थयात्रियों से ज्यादा महत्वपूर्ण शिक्षा संस्कृति थी । इसीलिए विक्रमशिला विश्वविद्यालय (मगध-बिहार राज्य), नालंदा विश्वविद्यालय (बिहार राज्य), तक्षशिला विश्वविद्यालय (रावलपिंडी-पाकिस्तान), उदंतपुरी विश्वविद्यालय (बिहार राज्य-पाल राजवत), सोमपुरा विश्वविद्यालय (बांग्लादेश), जगद्दाला विश्वविद्यालय (बांग्लादेश), वल्लाभी विश्वविद्यालय (गुजरात राज्य), कन्हेरी विश्वविद्यालय नामित एक बार भारत में थे । दक्षिण भारत में कई बौद्ध विहार छोटे शैक्षिक केंद्र थे । सैकड़ों शिक्षक इस विश्वविद्यालय और विहार में ज्ञान के लिए काम कर रहे थे ।
एशिया के कई देशों के हजारों छात्र सीखने आ रहे थे । ये बौद्ध शैक्षिक संस्थान सबके लिए खुले थे । हम इस बौद्ध शिक्षा संस्थान में बिना किसी भेदभाव के प्रवेश प्राप्त करते थे । ब्रह्मानी गुरुकुल विधि के अनुसार यहां एक ही गुरु का प्रभुत्व नहीं है, इन शैक्षिक संस्थानों को बढ़ाया गया है । त्रिपित्का के अलावा कई विषयों को यहां तर्क (उद्देश्य, व्याकरण और दर्शन (शब्दावली), दवा शिक्षा (चिकित्सा शिक्षा) की तरह सिखाया गया । प्रज्ञा विकसित करना बौद्ध शिक्षा प्रणाली की जड़ था । तो यह सच है कि कई भारतीय बौद्धों ने सबसे ज्ञानी पुस्तकें लिखी हैं ।
इसी परंपरा के चलते भारत के पूर्वोत्तर में सिक्किम राज्य बौद्ध विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाएगा । इसके संबंध में संकल्प को हाल ही में 21 सितंबर 2020 को विधानसभा में मंजूरी दी गई थी । खांगचेंडज़ोंगा बौद्ध विश्वविद्यालय उर्फ केबीयू सिक्किम सरकार द्वारा स्थापित भारत में पहला स्वतंत्र बौद्ध विश्वविद्यालय होगा । मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग ने कहा कि सिक्किम की जनता की मांग कई दिनों से पूरी हो रही है । इस विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय में सभी वर्गों के लोगों के पास प्रवेश होगा । इसके अलावा धम्म की शिक्षा प्रणाली के साथ यहां कई आधुनिक विज्ञान विषय पढ़ाया जाएगा । यह विश्वविद्यालय यूजीसी से जुड़ा होगा । सिक्किम में वज्रयान बौद्ध धर्म का बड़ा असर है । इसलिए यहां अन्य धर्म भी बौद्ध विहार में जाते हैं । इसलिए इस बौद्ध विश्वविद्यालय को बड़ा समर्थन मिला है
वास्तव में जिन राज्यों में बौद्ध संस्कृति की विरासत है, विश्वविद्यालय को अब तक भारत की इस एक बार संपन्न शिक्षा प्रणाली के विरासत के रूप में सरकारी बौद्ध विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहिए था । क्योंकि केवल शिक्षा ही उपयोगी नहीं है । इसके साथ ही नई पीढ़ी को इन दिनों में मानवीय मूल्यों, नैतिकता, नैतिकता, ध्यान और ज्ञान विकास की आवश्यकता है । क्या ऐसा यूनिवर्सिटी बोरीवली में कन्हेरी गुफाओं और संजय गांधी नेशनल पार्क के पास खड़ा होगा?
--- संजय सावंत (www.sanjaysat.in)

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