Thursday, October 1, 2020

तुम्हारा स्वर्ग

तुम्हारा स्वर्ग 

न स्वीकारं, अहं  गन्तु 

(नहीं स्वीकार है , मुझे जाना ) 

तव परिकप्पित सग्ग लोके 

(तुम्हारे परिकल्पित स्वर्ग लोक में)

तत्थ पि त्वं परिजानिस्ससि मं

(वहां भी तुम,  पहचानोगे मुझे) 

मम जात कुल नामेन.

(मेरी जाति कुल नाम से) 

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