एक दलित नेता से, जिन्होंने कुछ ही दिनों पूर्व बीजेपी ज्वाईन की थी, हमने कहा- "आपसे यह अपेक्षा नहीं थी. आपने सभी दलित संघटनों में एकता स्थापित करने के लिए अखिल भारतीय परिसंघ बनाया है. आप उच्च पदाधिकारी रह चुके हैं. बौद्ध धर्मान्तरण के बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं, राष्ट्रिय-अन्तराष्ट्रीय स्तर पर आपकी ख्याति है और आपने इस सब पर पानी फेरते हुए बीजेपी ज्वाईन कर ली ? आपको शर्म आनी चाहिए ?" वे बोले- "सर, परिसंघ और धम्म का कार्य करने पैसा भी तो लगता है ? आप लोग कितना चंदा देते है ?"
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