क्रांति का सन्देश
मोदीजी को धन्यवाद कि उन्होंने बाबासाहब अम्बेडकर को लोगों की जुबान पर ला खड़ा कर दिया. दलितेतर और मुस्लिमादि धार्मिक अल्पसंख्यक अपने-अपने निहित कारणों-वश बाबासाहब अम्बेडकर के योगदान से दूरी बना कर रखते थे, वे उनका फोटो लेकर सडकों पर मार्च कर रहे हैं, यह एक बड़ा भारी सन्देश है. यह सन्देश स्पष्टत: उस क्रांति की ओर ले जाता है जिसने रसिया, फ़्रांस और अमेरिका में बिना किसी खून-खराबे के सामंतवादी निरंकुश सत्ता को उखाड़ कर फैंक दिया.
मोदीजी को धन्यवाद कि उन्होंने बाबासाहब अम्बेडकर को लोगों की जुबान पर ला खड़ा कर दिया. दलितेतर और मुस्लिमादि धार्मिक अल्पसंख्यक अपने-अपने निहित कारणों-वश बाबासाहब अम्बेडकर के योगदान से दूरी बना कर रखते थे, वे उनका फोटो लेकर सडकों पर मार्च कर रहे हैं, यह एक बड़ा भारी सन्देश है. यह सन्देश स्पष्टत: उस क्रांति की ओर ले जाता है जिसने रसिया, फ़्रांस और अमेरिका में बिना किसी खून-खराबे के सामंतवादी निरंकुश सत्ता को उखाड़ कर फैंक दिया.
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