भोपाल : द सिटी ऑफ़ लेक
वह वक्त अभी ज्यादा नहीं गुजरा, जब यह शहर नवाबी रियासत की राजधानी था । नवाब पटौदी के वालिद यहाँ की रयासत के मालिक रहे हैं । पुराने भोपाल में आप जैसे ही घुसते हैं , वैसे ही नवाबी शहर का आपको एहसास होने लगता है।
झील में कई तरह की बोट तैरते मिलेगी। बड़ी बोट छोटी बोट। आप चाहे तो पैडल वाली बोट में बैठ कर स्वत: डाइव का आनद ले सकते हैं या फर्राटे भरती मोटर आपरेटेड बोट में बैठ कर एडवेंचर और थ्रिलिंग से रुबरूं हो सकते हैं।
लेक से थोडा आगे कमला नेहरु पार्क है। बड़ी लेक की तफरीह कर जब आप थक जाए तो जा कर कमला नेहरु पार्क में सुस्ता सकते हैं। यहाँ आप खुद को एकदम डिफरेंट सिचुएशन में पाएंगे।
बी एच ई एल का नाम आपने सुना होगा। भोपाल में बी एच ई एल का बहुत बड़ा कारखाना है। आधे से अधिक भोपाल न सिर्फ इसी से घिरा है, बल्कि , फ़ास्ट डेवलॅप हो रहे इस शहर की सुंदरता में बी एच ई एल का बहुत बड़ा हाथ है।
पिछले 8 नव. को हम लोग भिलाई में थे। वही, भोपाल से छोटू ने बतलाया कि भिलाई में कोई स्याम कुंवर जी हैं। आप लोग चाहे तो जानकारी उठा सकते हैं। मेरे इंक्वायरी करने पर स्यामकुंवर जी ने हमें अपने आवास पर निमंत्रित किया। प्रथम दृष्टया लड़की और परिवार वाले हमें अच्छे लगे थे।
बधाई हो. सूचना देने का यह नायाब तरीका अच्छा लगा. छोटू को और आप सबको बहुत ढेर सारी बधाइयाँ
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