भोपाल : द सिटी ऑफ़ लेक
कई लोग, जिनकी यहाँ आ कर मन की मुराद पूरी हो जाती है वे इसे 'द सिटी ऑफ़ लक' भी कहते हैं। खैर, हैं तो यह सचमुच हंसीन जगह। आप जिधर भी जाते हैं , आपको झील और झील से लगी पहाड़ी नज़र आती है।
वह वक्त अभी ज्यादा नहीं गुजरा, जब यह शहर नवाबी रियासत की राजधानी था । नवाब पटौदी के वालिद यहाँ की रयासत के मालिक रहे हैं । पुराने भोपाल में आप जैसे ही घुसते हैं , वैसे ही नवाबी शहर का आपको एहसास होने लगता है।
जिन लोगों ने 10 साल पहले भोपाल देखा था , वे आज यहाँ आ कर सहसा चौक जाएंगे। कम्प्लीट बदला नजारा नज़र आएगा। बड़ी लेक अब पर्यटकों का केंद्र बन चुकी है। सुबह -शाम आप जब भी यहाँ आएँगे, आपको पर्यटक ही पर्यटक नज़र आएँगे।
झील में कई तरह की बोट तैरते मिलेगी। बड़ी बोट छोटी बोट। आप चाहे तो पैडल वाली बोट में बैठ कर स्वत: डाइव का आनद ले सकते हैं या फर्राटे भरती मोटर आपरेटेड बोट में बैठ कर एडवेंचर और थ्रिलिंग से रुबरूं हो सकते हैं।
लेक को सही में पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किये की दिशा में काफी कुछ किया गया है। लोकोमोटिव इंजिन जो अब पर्यटन स्थल में सजा कर रखने की वस्तु बन गई है , सचमुच यहाँ सजा कर रखा गया है। भारतीय युद्ध पोत 'शिवालिक ' का मॉडल एक बड़े भारी शीशे के बाक्स में रखा गया है।
लेक के पास आपको कई फेरी वाले नज़र आएँगे। चाट हो या पानी-पूरी या फिर, तरह-तरह की आईस क्रीम। आपको कतई दूर जाने की जरुरत नहीं होगी।
लेक से थोडा आगे कमला नेहरु पार्क है। बड़ी लेक की तफरीह कर जब आप थक जाए तो जा कर कमला नेहरु पार्क में सुस्ता सकते हैं। यहाँ आप खुद को एकदम डिफरेंट सिचुएशन में पाएंगे।
बी एच ई एल का नाम आपने सुना होगा। भोपाल में बी एच ई एल का बहुत बड़ा कारखाना है। आधे से अधिक भोपाल न सिर्फ इसी से घिरा है, बल्कि , फ़ास्ट डेवलॅप हो रहे इस शहर की सुंदरता में बी एच ई एल का बहुत बड़ा हाथ है।
यह एक सुखद ही संयोग था की मेरे पुत्र ऐशवर्य (छोटू) के रिश्ते के लिए भिलाई (छति.) से स्यामकुंवर जी भोपाल पधारे थे। इस परिवार के साथ हमने भोपाल लेक की तफरीह का भरपूर आनंद उठाया। छोटू के लिए उपयुक्त लड़की की तलाश में हम पिछले एक-डेढ़ वर्ष से हैं।
पिछले 8 नव. को हम लोग भिलाई में थे। वही, भोपाल से छोटू ने बतलाया कि भिलाई में कोई स्याम कुंवर जी हैं। आप लोग चाहे तो जानकारी उठा सकते हैं। मेरे इंक्वायरी करने पर स्यामकुंवर जी ने हमें अपने आवास पर निमंत्रित किया। प्रथम दृष्टया लड़की और परिवार वाले हमें अच्छे लगे थे।
बधाई हो. सूचना देने का यह नायाब तरीका अच्छा लगा. छोटू को और आप सबको बहुत ढेर सारी बधाइयाँ
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