डबल स्टेंडर्ड
'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' के नाम पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालत्तम मूर्ति प्रधानमंत्री मोदीजी जब देश को लोकार्पित करते हैं, तब प्रिंट मीडिया कवरेज से अख़बारों के पन्ने रंग देता है, टीवी चेनल्स दिन-रात तत्संबंधी 'ग्राऊंड रिपोर्ट' प्रसारित करते हैं, किन्तु बहन मायावती जब अम्बेडकर और कांसीराम पार्क बनाती है तब यही मीडिया सरकारी पैसे की बर्बादी का रोना रोते हुए छाती पिटती है. क्या यह डबल स्टेंडर्ड नहीं है ?
'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' के नाम पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालत्तम मूर्ति प्रधानमंत्री मोदीजी जब देश को लोकार्पित करते हैं, तब प्रिंट मीडिया कवरेज से अख़बारों के पन्ने रंग देता है, टीवी चेनल्स दिन-रात तत्संबंधी 'ग्राऊंड रिपोर्ट' प्रसारित करते हैं, किन्तु बहन मायावती जब अम्बेडकर और कांसीराम पार्क बनाती है तब यही मीडिया सरकारी पैसे की बर्बादी का रोना रोते हुए छाती पिटती है. क्या यह डबल स्टेंडर्ड नहीं है ?
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