नागार्जुना महाबोधि विहार
यह प्रसिध्द महाबोधि विहार बोद्धिसत्व नागार्जुन स्मारक सस्थान और अनुसन्धान केंद्र रामटेक के द्वारा संचालित है। संस्थान के अध्यक्ष भंदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई है।भंते सुरई ससाई ने इस देश में रह कर बौद्धगया के बुद्ध महाविहार को हिन्दुओं के कब्जे से छुड़ाने के लिए जो जबर्दस्त आन्दोलन चलाया, उसने भारत के बौद्धों का ही नहीं, वरन विश्व के तमाम देशों का ध्यान आकृष्ट किया है।
महाबोधि विहार लम्बे-चौड़े क्षेत्र में फैला है। विहार का आर्किटेक्ट जापानी शैली है, मगर जगह-जगह भारतीय और खास कर बौद्ध प्रतीकों को उकेरा गया है.
महाबोधि विहार के ऊपर वाले फ्लोर पर जाने के लिए घुमावदार सीढिया बड़े ही सलीके की कारीगरी से बनायीं गई है। इस तल के रेलिंग में जगह-जगह बनी स्तूप-नुमा डिजाइन अनोखी है। सीढियों के ऊपर से देखने से सामने दूर पहाड़ी-लिए विस्तृत भू-भाग बड़ा ही मनोहर कारी दृश्य प्रस्तुत करता है।
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