Monday, December 24, 2012

सवाल, माइंड-सेट का है


आभा पाठक, जो मेरी बेटी के समान है, पिछले तीन-चार महीनों से हमारे ही रुम पर रहती है। वह मेरी बिटिया   की फ़ास्ट फ्रेंड है। इन दोनों ने इंदौर डे ए वि वि के आई एम् एस से एम् बी ए साथ-साथ किया था। अभी पिछले  16 दिस 12 को मुंबई में सम्पन्न बिटिया की शादी में वह एक घर के सदस्य के रूप में शरीक थी।

कल 24 दिस को टी वी के सारे चेनल दिल्ली के एक बस में घटी गेंगरेप से उत्पन्न पब्लिक आऊटरेग को इण्डिया गेट से सीधे प्रसारित कर रहे थे। शुरू-शुरू में पब्लिक का गुस्सा पुलिस और प्रशासन के विरोध में शांति-पूवर्क चल रहा था। मगर, दिन डूबते-डूबते यह कहीं-कहीं हिंसक हो चला था।

टी वी पर सब की नजरे गडी थी । चेनल वाले कवरेज के साथ पब्लिक आउट रेग को पुलिस और प्रशासन के विरुध्द उबलता गुस्सा बतला रहे थे। हम सब भी इस पर अपने-अपने तई कमेंट्स कर रहे थे। आभा भी सिर  हिला कर एक्जेटली--ओबियसली--या या ---कर रही थी। एक चेनल वाला किसी महिला को पुलिस से झुमा-झटकी करते हुए दिखा रहा था। आभा चीख रही थी -
"मारो --और मार साले को---  "
"... चोर चमार साले, रिजर्वेशन के भरोसे नौकरी में पहुँच गए हैं तो अपने आप को सरकारी बाप समझते हैं।"
"आभा, तू इसमें रिजर्वेशन को क्यों ठूस रही है।" - मिसेज ने बिस्तर से ही आभा के माथे पर पड़े बल को पढ़ते हुए टोका। मिसेज की तबियत इधर कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है।
"आंटी, देखों न दिल्ली में हम जैसी लडकियों की सुरक्षा पुलिस नहीं कर सकती तो काहे के लिए सरकारी नौकरी में ये साले आ जाते हैं ? अगर रिजर्वेशन नहीं होता तो इन्हें कोई कुत्ता भी नहीं पूछता।"
"मगर, रिजर्वेशन से ही ये पुलिस वाले आये हैं, तुम्हें कैसे मालुम ?"- टी वी से ध्यान हटा कर मैंने टोका।
"ओबीवियसली, रिजर्वेशन से ही ऐसे निक्कमे आ सकते हैं। आप नहीं समझोगे अंकल।"
"ओह, यह बात है----" - मैं आश्चर्य से उसे देखने लगा।
"तो तुम रिजर्वेशन के खिलाफ हो ?" - मिसेज ने सिर पर ढका कम्बल चेहरे से हटाते हुए कहा। ठण्ड होने  से उसने सिर से पावं तक कम्बल ढाक  रखा था।
"बिलकुल, आप ये बतलाइये कि कोई आपका कलिग ही कुछ दिनों के बाद आपका बॉस बन जाए तो आपको कैसा लगेगा।"
"अच्छा, ये बतलाओ, किसी मन्दिर में कोई चमार पुजारी बन जाए तो तुम्हें कैसे लगेगा ?"
"अगर उसे पूजा करनी आती है तो बन सकता है। मगर, सिस्टम को बिगाड़ना ठीक नहीं है। जो सामाजिक-व्यवस्था चल रही है, वह ठीक है। भला चमार पुजारी से आप प्रसाद कैसे पा सकते हैं ?" 

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