वे ज़हर बोते हैं और फसल काटते है उनके लोग
हम मुतमुइन हैं के न्याय हो कर रहेगा।
वे कहते हैं देश की अवाम हैं उनकी और उनके साथ
पता नहीं हम जैसे लोग , किस ओर खड़े हैं ?
- अ ला उके
हम मुतमुइन हैं के न्याय हो कर रहेगा।
वे कहते हैं देश की अवाम हैं उनकी और उनके साथ
पता नहीं हम जैसे लोग , किस ओर खड़े हैं ?
- अ ला उके
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