जीवन के दो पुरुषार्थ बतलाए गए हैं, घर बनाना और बच्चों की शादी करना। घर तो मैंने अभी तक नहीं बनाया
हाँ, बच्चों की शादी करने में जरुर बिजी हूँ। बड़े बेटे और छोटी बिटिया की शादी हो चुकी है। मंझला बेटा बचा है। आजकल , शादी डाट कॉम जैसे कई साइट्स हैं। ज्यादा झंझट नहीं है। बस, बच्चों के साथ-साथ चलते रहो। जहाँ रुकने को कहा गया, रुक जाओ।
पिछले दिनों, भिलाई से एक सज्जन आए थे। सब ठीक-ठाक था। मगर , कुछ दिनों के बाद कहने लगे , 'लड़की अभी एक-डेढ़ साल नौकरी करना चाहती है !' हम समझ गए, कुछ तो गड़बड़ है। कोई जबर्दस्ती तो है नहीं। किसी को भी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का अधिकार है। मगर, एक बात तय है। आजकल बेटियां, माँ -बाप तो दूर रहे, अपने ही निर्णय पर पुनर्विचार करने का हैसला रखती है। यह एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम है , महिलाओं के फेवर में ।
बहरहाल, हम ने सोचा, चलो आगे बढ़ते हैं। भिलाई के ही करीब दल्ली राजहरा, एक माइनिंग एरिया है। यहाँ से लोह अयस्क निकाला जाता है। यह भिलाई स्टील प्लांट की माइन है। हम, कॉलोनी एरिया में तमाम सर्विस अवधि (34 वर्ष ) में रहे हैं। कॉलोनी एरिया शांत, नैसर्गिक और शहरी कोलाहल से दूर होता है। एक लम्बे समय के बाद वैसा परिवेश पाकर बड़ा अच्छा लगा था।
दल्ली राजहरा से शेंडे जी के बारे में छोटू ने उसी समय बतलाया था, जब
भिलाई की बात बतलाई थी । किन्तु , चर्चा एक समय एक जगह ही की जा सकती थी। यूँ दल्ली राजहरा भी हम उसी समय हो आए थे। परिवार और लड़की यहाँ भी हमें पसंद थे।
भिलाई से छूटते ही हम ने दल्ली राजहरा पर अपना ध्यान फोकस किया। शेंडे जी पहले ही हमारे सम्पर्क में थे। क्लियरेंस मिलते ही शेंडे जी ने कहा कि वे लोग दो-तीन दिन में भोपाल आ रहे हैं।
दल्ली राजहरा में शेंडे जी और उनके परिवार के साथ |
पिछले दिनों, भिलाई से एक सज्जन आए थे। सब ठीक-ठाक था। मगर , कुछ दिनों के बाद कहने लगे , 'लड़की अभी एक-डेढ़ साल नौकरी करना चाहती है !' हम समझ गए, कुछ तो गड़बड़ है। कोई जबर्दस्ती तो है नहीं। किसी को भी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का अधिकार है। मगर, एक बात तय है। आजकल बेटियां, माँ -बाप तो दूर रहे, अपने ही निर्णय पर पुनर्विचार करने का हैसला रखती है। यह एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम है , महिलाओं के फेवर में ।
बहरहाल, हम ने सोचा, चलो आगे बढ़ते हैं। भिलाई के ही करीब दल्ली राजहरा, एक माइनिंग एरिया है। यहाँ से लोह अयस्क निकाला जाता है। यह भिलाई स्टील प्लांट की माइन है। हम, कॉलोनी एरिया में तमाम सर्विस अवधि (34 वर्ष ) में रहे हैं। कॉलोनी एरिया शांत, नैसर्गिक और शहरी कोलाहल से दूर होता है। एक लम्बे समय के बाद वैसा परिवेश पाकर बड़ा अच्छा लगा था।
दल्ली राजहरा से शेंडे जी के बारे में छोटू ने उसी समय बतलाया था, जब
भिलाई की बात बतलाई थी । किन्तु , चर्चा एक समय एक जगह ही की जा सकती थी। यूँ दल्ली राजहरा भी हम उसी समय हो आए थे। परिवार और लड़की यहाँ भी हमें पसंद थे।
भिलाई से छूटते ही हम ने दल्ली राजहरा पर अपना ध्यान फोकस किया। शेंडे जी पहले ही हमारे सम्पर्क में थे। क्लियरेंस मिलते ही शेंडे जी ने कहा कि वे लोग दो-तीन दिन में भोपाल आ रहे हैं।
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