खबर है( नवभारत 7 फर. 12) कि ब्रिटेन के उर्जा-मंत्री को मात्र इसलिए त्याग-पत्र देना पड़ा कि वे निर्धारित स्पीड से अधिक गति में ड्राईव कर रहे थे.मगर,इस खबर को पढ़ कर हमारे देश के मंत्री-गणों और वी.आई. पी.को शर्म आएगी, कहना मुश्किल है.हमारे यहाँ के राजनेता तो छुट्टे सांड के समान चलते हैं.वे मान कर चलते हैं कि कानून-कायदे उनकी जेब में हैं.उनका मानना हैं कि कानून-कायदे आम जनता के लिए हैं.
हमारे नेताओं को सरकारी गाड़ी, अपनी निजी गाड़ी लगती है.वे सरकारी गाड़ी से अपने तमाम निजी काम करते और करवाते हैं. यही नहीं, अपने मातहतों को वे अपने घर के नौकर समझते हैं.दरअसल, उन्होंने कानून भी अपने फेवर में बना रखे हैं. मंत्री के काफिले की कार से कोई कुचल भी जाये तो मंत्री की कोई जवाबदारी नहीं बनती.
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