समता सैनिक दल की स्थापना सन 1926 में बाबा साहेब आंबेडकर ने दलित समाज की सुरक्षा की दृष्टि से मुम्बई में की थी।
इसका प्रथम अधिवेशन 20 जुला. सन 1942 में नागपुर के मोहन पार्क में हुआ था। सभा की अध्यक्षता पंजाब के दलित नेता सरदार गोपाल सिंग एम्.एल. ए. ने की थी।
समता सैनिक दल दलित समाज के प्रशिक्षित नौजवानों का संगठन था, जो दलित समाज पर होने वाले अत्याचारों से उनकी रक्षा करता था। यद्यपि दल का गठन सन 1926 में हुआ था मगर, सही रूप में इसकी सक्रियता सन 1932-33 से हुई थी।
फेडरेशन के कार्य-क्रमों में समता सैनिक दल की टुकडिया तैनात की जाती थी। सन 1933 में समता सैनिक दल के पदाधिकारी इस प्रकार थे - पं. रेवाराम कवाडे, शंकर राव मेश्राम,विट्ठल राव साल्वे,रामचंद्र दुधे-हेड केप्टन, लक्षमण गम्भीर नारायण हेड केप्टन,विनायक जगन्नाथ- हेड केप्टन.
इसका प्रथम अधिवेशन 20 जुला. सन 1942 में नागपुर के मोहन पार्क में हुआ था। सभा की अध्यक्षता पंजाब के दलित नेता सरदार गोपाल सिंग एम्.एल. ए. ने की थी।
समता सैनिक दल दलित समाज के प्रशिक्षित नौजवानों का संगठन था, जो दलित समाज पर होने वाले अत्याचारों से उनकी रक्षा करता था। यद्यपि दल का गठन सन 1926 में हुआ था मगर, सही रूप में इसकी सक्रियता सन 1932-33 से हुई थी।
फेडरेशन के कार्य-क्रमों में समता सैनिक दल की टुकडिया तैनात की जाती थी। सन 1933 में समता सैनिक दल के पदाधिकारी इस प्रकार थे - पं. रेवाराम कवाडे, शंकर राव मेश्राम,विट्ठल राव साल्वे,रामचंद्र दुधे-हेड केप्टन, लक्षमण गम्भीर नारायण हेड केप्टन,विनायक जगन्नाथ- हेड केप्टन.
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