मूलनिवासी संकल्पना
1. सन 1993 में बामसेफ (BAMCEF) ने 'मूलनिवासी' की संकल्पना स्वीकार की थी । कहा जाता है कि यह संकल्पना बाबा साहेब के उस कोटेशन पर आधारित है जिसमे उन्होंने कहा था कि 'जो कौम अपना भविष्य निर्माण करना चाहती है, वह अपने इतिहास को जाने, अपने इतिहास को पहचाने'।
2. 'मूलनिवासी' वह शब्द है, जो पहचान कराता है कि दुश्मन कौन है और दोस्त कौन है। बिना दुश्मन की पहचान के लड़ाई तेज नहीं हो सकती। चूँकि, ब्राहमण अपने आप को हिन्दू कहता है और हमारा आदमी भी अपने आप को हिन्दू कहता है, इसलिए दोनों में अंतर जानना जरूरी है।
3. आर्य विदेशी हैं, यह बात प्रमाणित हो चुकी है। वे ही आर्य, अब अपने को 'हिन्दू' कहने लगे हैं।
4. 'बहुजन' शब्द में कुछ कमी है। इसकी संकल्पना जाति पर आधारित है। जबकि, मूलनिवासी शब्द राष्ट्रवाद पर आधारित है। यह हिन्दुओं के राष्ट्रवाद की सही और सटीक काट है।
5. मूलनिवासियों का धर्म हिन्दू नहीं है। क्योंकि, गुलाम का धर्म और गुलाम बनाने वालों का धर्म एक नहीं हो सकता।
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