Tuesday, April 24, 2018

रॉव बहादूर एन शिवराज (N Shivraj)

रॉव बहादूर एन सिवराज (1892-1964)

N. Shivraj with Dr Ambedkar
 एन शिवराज का पूरा नाम नमसिवयम सिवराज() था। इनका जन्म   नमसिवयम 29  सित 1892  में हुआ था। सिवराज का विवाह अन्नै मीणाम्बल(Annai Menambal) से हुआ था.

 आपके पिताजी नमो शिवाय  मद्रास स्टेट के कुडप्पा (आंध्र प्रदेश ) में
 एकाउंटेंट थे।

आपने मेट्रिक के बाद प्रेसीडेंसी कॉलेज मद्रास से  1911  में बी ए  और 1915 में मद्रास यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ़ लॉ किया था।
इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट में आपने प्रेक्टिस शुरू की। आपने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मद्रास में  13  वर्ष तक प्रोफ़ेसर रहे थे।

आपने पेरियार रामास्वामी नायकर की जस्टिस पार्टी से अपनी राजनैतिक यात्रा शुरू की थी। सन 1926 में जस्टिस पार्टी की टिकिट पर आप मद्रास असेम्बली के लिए चुने गए जहाँ आप 1937 तक आपने प्रतिनिधत्व किया।  1937 से 1945  तक आप इम्पीरियल लेजिस्लेचर ऑफ़ इंडिया के रूप में देश की सेवा करते रहे।
1945-46 की अवधि में आप मद्रास कार्पोरेशन के मेयर रहे थे।
एन सिवराज 1952 में सांसद के रूप में चुने गए थे।  पुन: भारतीय संसद में चेंगलपट्टु का प्रतिनिधित्व करते हुए आप  1957 से 1962 की अवधि तक सांसद रहे।

देश के राजनैतिक परिदृश्य में अनु. जाति  के हितों की आवाज को रखने नागपुर में बाबासाहब डॉ अम्बेडकर ने 17-20 जुलाई, 1942 को 'शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन' का गठन किया था। एन सिवराज इसके इसके अध्यक्ष चुने गए थे।  1957 में शेड्यूल्ड कास्ट्स फेडरेशन को ख़त्म कर उसके स्थान पर जब रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया का गठन किया गया तब, पार्टी का प्रथम अध्यक्ष एन शिवराज को ही बनाया गया था।


Annai Menambal Shivarajअन्नै मीणाम्बल
एन शिवराज की पत्नी अन्नै मीणाम्बल भी दक्षिण भारत की एक प्रमुख दलित नेत्री थी। पति एन सिवराज के साथ वह कंधे-से कन्धा मिला कर चलती थी। 'ऑल इण्डिया शेड्यूल्ड कॉस्ट फेडरेशन' के महिला विंग का अधिवेशन जब 23 सित 1944 को मद्रास में हुआ था तब, बाबासाहब डॉ अम्बेडकर इस अधिवेशन में उपस्थित हुए थे। इसी प्रकार 6  मई 1945 को मुंबई में संपन्न 'ऑल इण्डिया शेड्यूल्ड कॉस्ट फेडरेशन' के अधिवेशन की अन्नै मीणाम्बल ने अध्यक्षता की थी। इसके आलावा वे कई महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान रही। यह अन्नै मीणाम्बल ही थी जिसने ई वी आर रामास्वामी को मद्रास में संपन्न एक कांफ्रेंस में  ''पेरियार' की पदवी से अलंकृत किया था। 'पेरियार' अर्थात महान। इस महान दलित नेत्री का निधन 30 नव 1992 में हुआ था।

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