कल्याणदास साहेब |
कल्याणदास साहेब को मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ। वे बड़े मिलनसार और सज्जन पुरुष थे।
गुरु बालकदास साहेब और उन के बीच गाढ़ी मित्रता थी, संभवत: दोनों कबीर पंथ के महंत होने के कारण। कल्याणदास साहेब का प्रवास प्राय: गुरूजी के यहाँ हुआ करता था। महंत कल्याणदास साहेब के शिष्य भी भंडारा-बालाघाट क्षेत्र में काफी थे।
कल्याणदास साहेब के गुरु ग्राम सेलूद जिला दुर्ग के विद्यासाहेब थे। सेलूद में उनका कबीर-आश्रम था। गुरु विद्यासाहेब का निधन 16 अग.1968 को हुआ था। विद्यासाहेब के देहांत के बाद गुरु गद्दी कल्याणदास साहेब मिली थी।
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