रामसूरत साहेब-
रामसूरत साहेब का जन्म सन 1916 को खिरचीपुर जिला गोंडा(उ. प्र.) के एक कुर्मी परिवार में हुआ था। आपके पिता का नाम रघुवीर वर्मा था। आपने 12 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग दिया था । आपको साधु का वेश बड़हरा के वैष्णव साधु राजाराम दास ने दिया था। रामसूरत साहेब ने कबीर निर्णय मंदिर बुरहानपुर (खंडवा, जिला म. प्र.) के लाल साहेब से बीजक-पंचग्रंथी की विधिवत शिक्षा प्राप्त की थी।
रामसूरत साहेब को महंत की पदवी लाल साहेब ने सन 1942 में दी थी। रामसूरत साहेब का कार्य-क्षेत्र मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात आदि था। आपने सन 1970 में जियनपुर, अयो ध्या में कबीर आश्रम की स्थापना की थी । राम सूरत साहेब ने 'विवेक प्रकाश', 'रहनि प्रबोधनी', 'बोधसार', 'गुरु पारख बोध आदि ग्रंथों की रचना की थी । आपका देहांत 23 जुलाई 1998 को हुआ था।
रामसूरत साहेब का जन्म सन 1916 को खिरचीपुर जिला गोंडा(उ. प्र.) के एक कुर्मी परिवार में हुआ था। आपके पिता का नाम रघुवीर वर्मा था। आपने 12 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग दिया था । आपको साधु का वेश बड़हरा के वैष्णव साधु राजाराम दास ने दिया था। रामसूरत साहेब ने कबीर निर्णय मंदिर बुरहानपुर (खंडवा, जिला म. प्र.) के लाल साहेब से बीजक-पंचग्रंथी की विधिवत शिक्षा प्राप्त की थी।
रामसूरत साहेब को महंत की पदवी लाल साहेब ने सन 1942 में दी थी। रामसूरत साहेब का कार्य-क्षेत्र मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात आदि था। आपने सन 1970 में जियनपुर, अयो ध्या में कबीर आश्रम की स्थापना की थी । राम सूरत साहेब ने 'विवेक प्रकाश', 'रहनि प्रबोधनी', 'बोधसार', 'गुरु पारख बोध आदि ग्रंथों की रचना की थी । आपका देहांत 23 जुलाई 1998 को हुआ था।
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