Saturday, February 1, 2020

पालियं सल्लापो

पालियं सल्लापो

जयभीम भगिनी, अहं राहुलो।
जयभीम भाता, अहं धम्मरक्खिता।

धम्मरक्खिता- इध, भवं कति वादने आगतो?
राहुलो- अहं दस वादने आगतो।

राहुलो- अज्ज, बहु उण्हं वत्तति।
धम्मरक्खिता- आम! किञ्चि उण्हं वत्तति।

धम्मरक्खिता-  किञ्चि जलं पिबितु।
राहुलो- साधुवादो, जलं बहु सीतलं अत्थि।

धम्मरक्खिता-  त्वं हियो किं अकरि ?  (कर रहे थे ?)
राहुलो- अहं पालि सिक्खितुं अगमि।  (गया था)

राहुलो-  पालि भगवा वाणी।
धम्मरक्खिता- आम! पालि अम्हाकं संखार भासा। (संस्कार)

धम्मरक्खिता- पालि बहु सरला सुबोधा भासा।
राहुलो- असोक काले, पालि रट्ठभासा आसि। (राष्ट्रभाषा)

राहुलो- पालि सिक्खनीया, पालि पठनिया।
धम्मरक्खिता- आम! पालि वदनिया, भासनिया।

धम्मरक्खिता- सुवे तव का योजना? कल
राहुलो- अहं पालि सिक्खतुं गमिस्सामि।  (जाऊंगा)

धम्मरक्खिता- अहं अपि अगमिस्सामि।  (आऊंगी)
राहुलो- स्वागतं। भोति आगन्तुं सक्कोति।

राहुलो- पुनं मिलामं।
धम्मरक्खिता- भाता, पुनं मिलाम।

धम्मरक्खिता- जयभीम।
राहुलो- जयभीम। 

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