पाप मित्तता(कुसंगति)
नाहं भिक्खवे! अञ्ञं एक धम्मम्पि समनुपस्सामि, यो एवं अनत्थाय संवत्तति, यदिदं भिक्खवे पाप-मित्तता. पाप-मित्तता भिक्खवे, महतो अनत्थाय संवत्तति(एकक निपात:अंगुत्तर निकाय)।
नहीं मैं, भिक्खुओ! दूसरी चीज देखता हूँ, जो इतना अनर्थकारी हो, जैसे कि, भिक्खुओ, कुसंगति। कुसंगति भिक्खुओ, बहुत ही अनर्थकारी है।
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नाहं- न अहं। धम्मम्पि- धम्म-अपि। यदिदं- यथा-इदं।
नाहं भिक्खवे! अञ्ञं एक धम्मम्पि समनुपस्सामि, यो एवं अनत्थाय संवत्तति, यदिदं भिक्खवे पाप-मित्तता. पाप-मित्तता भिक्खवे, महतो अनत्थाय संवत्तति(एकक निपात:अंगुत्तर निकाय)।
नहीं मैं, भिक्खुओ! दूसरी चीज देखता हूँ, जो इतना अनर्थकारी हो, जैसे कि, भिक्खुओ, कुसंगति। कुसंगति भिक्खुओ, बहुत ही अनर्थकारी है।
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नाहं- न अहं। धम्मम्पि- धम्म-अपि। यदिदं- यथा-इदं।
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