बुद्ध ने कभी उलझाने वाली बात नहीं की।
"कौन स्पर्श करता है ?" बुद्ध से किसी ने पूछा ।
" तुम्हारा प्रश्न ही गलत है कि कौन स्पर्श करता है। बल्कि, तुम्हारा प्रश्न होना था, किससे स्पर्श होता है ? वत्स, अगर तुम ऐसा पूछते, तब मैं कहता- सळायतन पच्चया फस्सो। छह इन्द्रियां और उनके विषय होने से स्पर्श होता है(भदन्त आनंद कोसल्यायन: दर्शन वेद से मार्क्स तक )।
"कौन स्पर्श करता है ?" बुद्ध से किसी ने पूछा ।
" तुम्हारा प्रश्न ही गलत है कि कौन स्पर्श करता है। बल्कि, तुम्हारा प्रश्न होना था, किससे स्पर्श होता है ? वत्स, अगर तुम ऐसा पूछते, तब मैं कहता- सळायतन पच्चया फस्सो। छह इन्द्रियां और उनके विषय होने से स्पर्श होता है(भदन्त आनंद कोसल्यायन: दर्शन वेद से मार्क्स तक )।
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