Monday, January 31, 2011

'बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व'(टूरिस्ट स्पॉट)

            
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (टूरिस्ट स्पॉट)

पिछले 5 जन को मुझे अपने परिवार के साथ 'बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क' का विजिट करने का मौका मिला.यु मैं स गा ता वी केंद्र बिरसिंहपुरपाली में करीब 10 वर्षों तक रहा. वहां मैं पावर हॉउस में कार्य पालन अभियन्ता के पद पर था किन्तु बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जाने का मौका नहीं आया था. फ़िलहाल मैं 31 दिस 10 को म प्र वी मंडल की सेवा से बतौर अधीक्षण अभियंता सेवानिवृत हो चुका हूँ. पावर हॉउस की लाइफ से निकलने के पहले श्रीमतीजी ने कहा कि इस क्षेत्र में 'बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व' तो दिखा दो ? बच्चे कहते हैं, 34 साल पापा इस एरिया में रहे पर पास का बांधवगढ़ अब तक हमें नहीं दिखाए. मैंने सोचा, टी वी में  डिसकवरी आदि चेनल में दिनरात एक से एक  प्रोग्राम आते हैं. पर ठीक है,चलो चलते हैं.
  हमने बिलकुल सुबह ही अपनी गाड़ी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क की गेट पर लगा दी.करीब 7 बजे का वक्त रहा होगा. काउंटर पर करीब 1250 रूपये की रसीद काटी. बताया गया की पार्क के अन्दर घुमने के लिए 1300 रूपये की अलग से  जिप्सी करनी पड़ेगी. काउंटर से एक गाइड तैनात किया गया. उस दिन नलों में पानी जमने की खबरे थी. वाकई, ठंड गजब की थी. 7 बजे से जिप्सी पर घूमना शुरू हुआ. मोर दिखा,हिरन दिखा,सूअर बन्दर दिखे... और देखते-देखते 10.30 बजने को आ गये मगर, शेर या चीते का कही पता नहीं था. मुझे झल्लाहट होने लगी.मैंने अपनी झल्लाहट गाइड पर उतारनी शुरू की. हमें रास्ते में कई जिप्सी मिली. मगर, सभी सिर हिलाते नजर आये. किसीको भी 'टाइगर' के दर्शन नहीं हुए.सभी निराश थे. मुझे भारी निराशा थी.हम जैसे कई विजिटर्स काफ़ी वक्त और पैसा खर्च करके आते हैं और 'बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क' में टाइगर न मिलना, बड़ी अजीब सी बात लगी.आखिर इसे 'बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पार्क' कहने का क्या तुक है, मैं सोच रहा था ?

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