Saturday, July 23, 2011

डॉ. बिनायक सेन को अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार (Dr. Binayak Sen)


           खबर है कि  बिलासपुर के.डॉ. बिनायक सेन को लंदन के गांधी फाउंडेशन ने वर्ष 2011 के अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार के लिए चुना है। याद रहे, यह वही हस्ती है जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ समय पहले देश द्रोह के आरोप में जेल में ठूंस दिया था.भला हो देश के बुद्धिजीवियों का जो डा बिनायक सेन के साथ तन कर खड़े रहे और परिणामस्वरूप वे जमानत पर ही सही, जेल से रिहा होने में सफल रहे. 
         विदित हो, डा बिनायक  सेन के साथ ही झारखंड के बुलु इमाम को भी इस  पुरस्कार के लिए चुना गया है। पांच साल पहले यह अवार्ड शबाना आजमी को दिया गया था. वर्ष 1998 से शुरू हुए इस अवॉर्ड को अब तक 13 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है।
          संस्था के अनुसार डा बिनायक सेन और बुलु इमाम आदिवासियों के लिए सालों से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने शोषण के खिलाफ अहिंसक आंदोलन भी चला रखा है। बिनायक ने स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए और इमाम ने संस्कृति और सत्याग्रह के सहारे खदानों का विरोध करते हुए सत्याग्रह का रास्ता अपनाकर आदिवासियों को राह दिखाई है, इसलिए उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया।
         छतीसगढ़ की रमन  सरकार को अपने स्टेंड को रिविव्यु करना चाहिए.रमन  सरकार अंत तक कहते रह गई कि डा बिनायक सेन नक्सलाईटों से मिले हुए हैं और कि वे देश द्रोही है.
     उल्लेखनीय है कि डा बिनायक सेन जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और उन्होंने आदिवासियों के बीच जा कर स्वास्थ्य को समाज से जोड़ने का कार्य किया है .

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