दिव्य शक्तियों के विरुद्ध
ऐसा मैंने सुना, एक समय भगवान
एवं मे सुत्तं, एकं समयं भगवा
ऐसा मैंने सुना, एक समय भगवान
एवं मे सुत्तं, एकं समयं भगवा
नालन्दायं विहरति पावारिक अम्बवने।
नालंदा के पास पावारिक अम्बवन में विहार करते थे।
नालंदा के पास पावारिक अम्बवन में विहार करते थे।
तब केवट्ठ गृहपति पुत्र जहाँ भगवान थे, वहां गया।
अथ खो केवट्ठो गह्पति पुत्तो येन भगवा तेनुपसंकमि।
अथ खो केवट्ठो गह्पति पुत्तो येन भगवा तेनुपसंकमि।
जा कर भगवान को अभिवादन कर एक ओर बैठ गया।
उपसंकमित्वा भगवन्तं अभिवादेत्वा एकमन्तंं निसीदि।
उपसंकमित्वा भगवन्तं अभिवादेत्वा एकमन्तंं निसीदि।
एक ओर बैठे केवट्ठ गृहपति पुत्र ने भगवा से यह कहा-
एकमन्तंं निसिन्नो खो केवट्ठो गह्पति पुत्तो भगवन्तं एतदवोच-
एकमन्तंं निसिन्नो खो केवट्ठो गह्पति पुत्तो भगवन्तं एतदवोच-
भंते ! यह नालंदा समृद्ध, धन-धान्य पूर्ण और बहुत घनी बस्ती है।
भंते, अयं नालंदा इद्धा(समृद्ध) च येव फीता(धन-धान्य पूर्ण) च बहुजना।
भंते, अयं नालंदा इद्धा(समृद्ध) च येव फीता(धन-धान्य पूर्ण) च बहुजना।
यहाँ के मनुष्य आपके प्रति बहुत श्रद्धालु हैं।
एत्थस्स मनुस्सा भगवति अभिप्पसन्ना।
एत्थस्स मनुस्सा भगवति अभिप्पसन्ना।
भगवा कृपया एक भिक्खु को कहें कि
साधु, भंते, भगवा एकं भिक्खुंं स-आदिसतु-
दिव्य शक्तियों का प्रदर्शन करेगा ।
सो इद्धि(ऋद्धि) पटिहारियं(प्रदर्शन) करिस्सति।
साधु, भंते, भगवा एकं भिक्खुंं स-आदिसतु-
दिव्य शक्तियों का प्रदर्शन करेगा ।
सो इद्धि(ऋद्धि) पटिहारियं(प्रदर्शन) करिस्सति।
इससे लोग भगवान के प्रति अत्यधिक श्रद्धालु होंगे।
एवं जना भगवन्तं अच्चतं अभिप्पसीदन्ति।
एवं जना भगवन्तं अच्चतं अभिप्पसीदन्ति।
ऐसा कहने पर भगवान ने केवट्ठ से यह कहा-
एवं वुत्ते भगवा केवट्ठंं गहपति पुत्तं एतद वोच-
एवं वुत्ते भगवा केवट्ठंं गहपति पुत्तं एतद वोच-
केवट्ठ, मैं भिक्खुओं को ऐसा उपदेश नहीं देता हूँ।
न खो अहं केवट्ठ, भिक्खूनं एवं धम्मं देसेमि(स्रोत - दीघनिकाय)।
न खो अहं केवट्ठ, भिक्खूनं एवं धम्मं देसेमि(स्रोत - दीघनिकाय)।
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