स्रोत -बाबासाहब डॉ अम्बेडकर कृत 'बुद्ध और उनका धम्म' -
कपिलवस्तु में जयसेन नाम का एक शाक्य रहता था। सिंहहनु उसका पुत्र था। सिंहहनु का विवाह कच्चाना से हुआ था। सिंहहनु-कच्चाना के 5 पुत्र; शुद्धोदन, धीतोदन, शुक्लोदन, शाक्योदन, अमितोदन और 2 पुत्रियाँ अमिता, प्रमिता थी। परिवार का गोत्र आदित्य था।
शुद्धोदन का विवाह महामाया से हुआ था। महामाया के पिता का नाम अंजन और माता का नाम सुलक्षणा था। अंजन कोलिय था और देवदह नामक बस्ती में रहता था। महामाया की बड़ी बहन का नाम महाप्रजापति था जिससे बाद में शुद्धोदन ने विवाह किया था ।
दण्डपाणि नाम का एक शाक्य था। यसोधरा उसकी लड़की थी।
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महावंस के द्वितीय परिच्छेद में वर्णित इतिहास के आधार पर -
कपिलवस्तु में जयसेन नाम का शाक्य राजा था। उसके पुत्र का नाम सिंहहनु और पुत्री का नाम यसोधरा था। सिंहहनु का विवाह देवदह के शाक्य राजा की पुत्री कात्यायनी से हुआ था। सिंहहनु-कात्यायनी(कच्चाना) के 5 पुत्र; शुद्धोदन, धीतोदन, शुक्लोदन, शाक्योदन, अमितोदन और 2 पुत्रियाँ अमिता, प्रमिता थी। परिवार का गोत्र आदित्य था।
दूसरी ओर , देवदह शाक्य राजा के पुत्र अंजन से राजा जयसेन की पुत्री यसोधरा का विवाह हुआ था। अंजन-यसोधरा के 2 पुत्र; दण्डपाणि और सुप्रबुद्ध तथा 2 पुत्रियाँ महामाया और महाप्रजापति। ये दोनों बहने राजा शुद्धोदन से ब्याही गई थी ।
सिंह हनु-कात्यायनी की जेष्ठ पुत्री अमिता का विवाह अंजन पुत्र सुप्रबुद्ध से हुआ था। अमिता-सुप्रबुद्ध के पुत्र का नाम देवदत्त और पुत्री का नाम भद्द कात्यायनी था। 16 वर्ष की आयु में भद्द कात्यायनी का विवाह राजा शुद्धोदन के पुत्र सिद्धार्थ गौतम से हुआ था । भद्द कात्यायनी ने 29 वर्ष की आयु में एक पुत्र को जन्म दिया था जिसका नाम राहुल था।
सिद्धार्थ के अभिनिष्क्रमण के बाद एकाकी रहते हुए यासोधरा ने अपने बेटे का पालन-पोषण किया था। उसने राजशाही वाले वस्त्र त्याग कर एक भिक्खुनि की तरह पीले वस्त्र धारण कर लिए थे। उसने एक बौद्ध भिक्खुनी की तरह एक दिन में एक बार ही भोजन करने का व्रत कर रखा था। उनका निधन बुद्ध महापरिनिर्वाण में दो वर्ष पहले हुआ था।
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