Thursday, July 4, 2019

आखिर, बुद्ध ही क्यों ?

आखिर, बुद्ध ही क्यों ?
भारत का इतिहास, दरअसल बौद्ध और वैदिक(ब्राह्मण) संस्कृति के संघर्ष का इतिहास है. अगर यकीन न हो तो किसी टीले नुमा खँडहर को खोद कर देखिए. अंग-भंग की गई बुद्ध की मूर्ति नजर आएगी.
बाबासाहब अम्बेडकर इसी को ध्यान में रख कर बुद्ध की शरण गए. उनके पास ऊँच-नीच पर आधारित जाति-पांति और वर्ण-व्यवस्था को जवाब देने कई आप्शन थे. किन्तु उन्होंने बुद्ध को चुना. बुद्ध अर्थात समता. बौद्ध धर्म हमें अपने गौरवमय अतीत से जोड़ता है.
इसके अलावा, बौद्ध धर्म हमें दूसरे बुद्धिस्ट राष्ट्रों से आवश्यक सम्बल प्रदान करता है. यह अहसास दिलाता है कि हम विश्व में अकेले नहीं है. और सबसे बड़ी बात, यह पञ्चशील अर्थात जीवन के उच्च मापदंडों पर चलने प्रेरित करता है. यह बुद्धि की स्वतंत्रता का जयघोष करता है.

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