जिम्मेदारी से भागना
हम बुद्धविहार में पालि पढ़ाते हैं. बुद्ध विहार में अकसर, हम जैसे उम्र-दराज धम्म-बन्धु आते हैं. वे शंका करते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें पालि पढ़ने के लिए कहा जाना क्या उचित है ?
मैं उन्हें राहुल सांकृत्यायन का उदाहरण देता हूँ. सनद रहे, राहुल सांकृत्यायन ने उम्र के इसी पड़ाव पर पालि पढ़ा. और, पालि ही क्यों, उन्होंने इसी पड़ाव पर दर्जनों भाषाएं सीखी और 'महापंडित' कहलाए. दरअसल, सीखने की कोई उम्र नहीं होती. जो ऐसा सोचते हैं, वे अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं.
हम बुद्धविहार में पालि पढ़ाते हैं. बुद्ध विहार में अकसर, हम जैसे उम्र-दराज धम्म-बन्धु आते हैं. वे शंका करते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें पालि पढ़ने के लिए कहा जाना क्या उचित है ?
मैं उन्हें राहुल सांकृत्यायन का उदाहरण देता हूँ. सनद रहे, राहुल सांकृत्यायन ने उम्र के इसी पड़ाव पर पालि पढ़ा. और, पालि ही क्यों, उन्होंने इसी पड़ाव पर दर्जनों भाषाएं सीखी और 'महापंडित' कहलाए. दरअसल, सीखने की कोई उम्र नहीं होती. जो ऐसा सोचते हैं, वे अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं.
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