Monday, July 15, 2019

मसला पुत्री के 'विद्रोह' का

मसला पुत्री के 'विद्रोह' का
व्यक्तिगत-स्वतंत्रता और सामाजिक मर्यादा एक-दूसरे के पूरक है, इसलिए कि व्यक्ति,
एक सामाजिक प्राणी है.
किन्तु,
यदि किसी कारण-वश इनमें परस्पर संघर्ष की स्थिति निर्मित हो, वैसी परिस्थिति में सामाजिक मर्यादा के नाम पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बलि नहीं दी जा सकती.
ऐसा करना न सिर्फ गैर-कानूनी है बल्कि अनैतिक भी है.

No comments:

Post a Comment