Monday, November 26, 2018

भारतस्स संविधानस्स उद्देशिका

भारतस्स संविधानस्स उद्देशिका
मयं भारतस्स जना
हम भारत के लोग
भारतं एकं संपूण्णं
भारत को एक सम्पूर्ण
पभुत-संपन्नं
प्रभुत्व-संपन्न
समाजवादी-धम्मनिरपेक्ख
समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष
लोकतन्तात्मक-गणरज्जं निम्मातुं
लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए
अपि च तस्स सब्बे नागरिके
तथा उसके सब नागरिकों को
सामाजिकं, वित्तीयं च राजनेतिकं ञायं
सामाजिक. वित्तीय और राजनैतिक न्याय
विचारस्स, अभिव्यत्तिया
विचार, अभिव्यक्ति
विस्सासस्स,  धम्मस्स च
विश्वास, धर्म और
उपासनाय स्वतन्तं
उपासना की स्वत्रंता
पतिट्ठा च अवसरस्स समता
 प्रतिष्ठा और अवसर की समता
पापेतु
प्राप्त करने के लिए
तथा तेसु सब्बेसु
तथा उन सब में
जनस्स गरिमा
व्यक्ति की गरिमा
रट्ठस्स एकता च अखंडता
राष्ट्र की एकता और अखंडता
सुनिच्छितं कुब्बन्ति बंधुता पवड्डेतुं
सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिए
दळह सङ्कप्पा भूत्वा
दृढ़ संकल्प होकर
अम्हाकं अस्स संविधानस्स सभायं
अपनी इस संविधान सभा में
अज्ज, छब्बीसति नवम्बर
आज,  26 नवम्बर
एकूनपंचासाधिक सतं  एकूनविसति तारिकाय
1949 ई. तारीख को
एतद द्वारा
को एतद द्वारा
एतं सविधानं
इस संविधान को
अंगीकतं अधिनियमितं च अत्तप्पित करोम।
अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
- अ ला ऊके/ @amritlalukey.blogspot.com
             

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