Thursday, March 8, 2012

बी एस पी. की मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग फेल क्यों ?

बी. एस. पी. की सोशल इंजीनियरिंग कहती है, जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।
पार्टी की हार का कारण बहन मायावती उ. प्र. के 70 % मुसलमानों का एस. पी को वोट देना, बतलाती है।  मतलब साफ है,  मुसलमानों का बी. एस. पी. से मोह-भंग हो गया।  सवाल है कि मुसलमानों का मोह-भंग क्यों हुआ ?  उनका वाजिब हक उन्हें क्यों नहीं दिया जा  सका ? यह कहना सतही होगा की हरेक को संतुष्ट नहीं किया जा सकता।  केंद्र की अटल बाजपेयी सरकार और आज की यू. पी. ए- 2   से समय रहते सबक क्यों नहीं लिया गया  ? और अगर आप सचेत थे, तब यह कहना पड़ेगा कि बी. एस. पी. के इस सोशल इंजीनियरिंग की काट ढूंढ़ ली गयी है.

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