कुंठित दलित नेता
बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आलोचकों को अपने अन्दर झांकना चाहिए कि वे बहनजी के प्रति कितने निष्ठावान रहें? दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर घड़याली आंसू बहाना अलग है और पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा अलग. यह जान कर भी कि बीएसपी दलित अस्मिता का पर्याय बन चुकी है, उन्होंने अपनी ही अस्मिता को निरंतर जलील और नंगा किया.
हमें लगता हैं, बहनजी ने ठीक किया जो भरोसे मंद व्यक्ति पर भरोसा किया, फिर चाहे 'भतीजा' ही क्यों न हों. आप, निरंतर पार्टी-विरोधी हरकतें कर पार्टी के शीर्षस्थ स्थान पर नहीं बैठ सकते?
जहाँ तक धन की बात हैं, यह बेमतलब है. आज, चुनाव में करोड़ों रूपया लगते हैं. कल तक आन्दोलन करते नेता, यूँ ही नहीं बिक जाते ? चुनाव में भारी धन लगता है. बीजेपी को अडानी-अम्बानी एक हाथ से देते हैं और दूसरे हाथ से दस गुणा वसूलते हैं. क्या बीएसपी को अडानी-अम्बानी धन देंगे ? नानसेंस ?
बीएसपी सुप्रीमो मायावती के आलोचकों को अपने अन्दर झांकना चाहिए कि वे बहनजी के प्रति कितने निष्ठावान रहें? दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर घड़याली आंसू बहाना अलग है और पार्टी नेतृत्व के प्रति निष्ठा अलग. यह जान कर भी कि बीएसपी दलित अस्मिता का पर्याय बन चुकी है, उन्होंने अपनी ही अस्मिता को निरंतर जलील और नंगा किया.
हमें लगता हैं, बहनजी ने ठीक किया जो भरोसे मंद व्यक्ति पर भरोसा किया, फिर चाहे 'भतीजा' ही क्यों न हों. आप, निरंतर पार्टी-विरोधी हरकतें कर पार्टी के शीर्षस्थ स्थान पर नहीं बैठ सकते?
जहाँ तक धन की बात हैं, यह बेमतलब है. आज, चुनाव में करोड़ों रूपया लगते हैं. कल तक आन्दोलन करते नेता, यूँ ही नहीं बिक जाते ? चुनाव में भारी धन लगता है. बीजेपी को अडानी-अम्बानी एक हाथ से देते हैं और दूसरे हाथ से दस गुणा वसूलते हैं. क्या बीएसपी को अडानी-अम्बानी धन देंगे ? नानसेंस ?
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