देश का लोकतंत्र 'खतरे में'
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विवादित भाषणों को चुनाव आयोग क्लीन चिट देता रहा. तीन सदस्सीय चुनाव आयोग आचार संहिता उलंघन के मामले में अपने एक सदस्य अशोक लवासा के स्पष्ट असहमति को दरकिनार कर ऐसा करता रहा.
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विवादित भाषणों को चुनाव आयोग क्लीन चिट देता रहा. तीन सदस्सीय चुनाव आयोग आचार संहिता उलंघन के मामले में अपने एक सदस्य अशोक लवासा के स्पष्ट असहमति को दरकिनार कर ऐसा करता रहा.
पुणे के एक आरटीआई कार्यकर्त्ता ने चुनाव आयोग से मोदी के भाषणों पर लवासा की टिप्पणियों को सार्वजनिक करने की मांग की तो आयोग ने जवाब दिया कि ऐसा करने से उनके जान को 'खतरा' हो सकता है(पत्रिका 25 जून 2019).
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