हम लड़ेंगे साथी.
दुश्मन को पस्त होते तक हम, लड़ेंगे साथी।
सूर्य के अस्त होने तक हम, लड़ेंगे साथी ।।
पुण्णमी का चाँद देखने तक, हम लड़ेंगे साथी।
तेरे इंतजार की घड़ियां ख़त्म होने तक, हम लड़ेंगे साथी ।।
दुश्मन को पस्त होते तक हम, लड़ेंगे साथी।
सूर्य के अस्त होने तक हम, लड़ेंगे साथी ।।
पुण्णमी का चाँद देखने तक, हम लड़ेंगे साथी।
तेरे इंतजार की घड़ियां ख़त्म होने तक, हम लड़ेंगे साथी ।।
कि संघर्ष ही तो जीवन है, यह सोच कर, लड़ेंगे साथी।
कि कीड़ें-मकोड़ों की तरह जीने से, अच्छा है मर जाएं,
यह सोच कर लड़ेंगे साथी।।
कि कीड़ें-मकोड़ों की तरह जीने से, अच्छा है मर जाएं,
यह सोच कर लड़ेंगे साथी।।
No comments:
Post a Comment