Wednesday, June 26, 2019

बसपा

जब बसपा अपनी सफलता के चरम पर थी तो नसीमुद्दीन सिद्दकी, बाबू सिंह कुशवाहा, नरेंद्र कश्यप, स्वामी प्रसाद मौर्य, बादशाह सिंह, लालजी वर्मा, विजय बाहदुर सिंह का राज था। नसीमुद्दीन तो 2 दर्जन मंत्रालयों के मंत्री थे । लाल जी वर्मा को छोड़कर बाकी सब बसपा छोड़कर चले गए ।
परन्तु आज जब बसपा अपने राजनीतिक अस्तिव के लिये संघर्ष कर रही है तब उस संघर्ष के भागी बनने के लिए मायावती जी ने अपने परिवार के लोगो को सामने लाया है ।
और जो दलित-पिछड़े नेताओं ने सत्ता के दौर में खूब मलाई खाई व अपने पूरे खानदान को खिलाई वही आज बहन जी के निर्णय का विरोध कर रहे ।
तमाम राजनीतिक दलों के नेताओ को देखिए, जब वो सत्ता में थे, तब अपने तमाम रिश्तेदारों को सरकार में जगह दी, संगठन में जगह दी, सत्ता खोने के बाद कही कोई आगे नही आया। आज चुनौतियों के इस दौर में मायावती, वही मायावती जिसने गरीबो को बिना माँगे 3 एकड़ जमीन मुफ्त दी, वही मायावती जिसने बिना मांगे प्रमोशन में आरक्षण दिया, वही मायावती जिसने बिना किसी माँग के up के कई जिलों का नाम बहुजन महापुरुषों के नाम पर रखा; ये जानते हुए भी बहुजन महापुरुषों के नाम पर बड़े बड़े पार्क व स्कूल कालेज बनाये  ये सब करने के बाद वो सत्ता में आने वाली नही ।
अरे यही वो आयरन महिला हैं जो उस दौर में जब आपकी पत्नी बेटी व मां घर मे घूंघट में रहती थी सड़क पर निकल नही सकती थी तब लालटेन की रोशनी में गलियों में समाज जगाने निकली थी ।
अगर मायावती जी किसी सवर्ण के घर मे जन्म लेती तो 5 बार देश की प्रधानमंत्री बनी होती नही भी होती तो उसके संघषों को उसका समाज कभी नही भूलता लेकिन वाह रे बहुजन गद्दारों ...कल तक मिश्रा पर पार्टी हाईजैक का आरोप लगाते थे 25 साल के युवा जय प्रकाश को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया तो भी इनको तकलीफ और आज अपने घर के चमकते हीरे को राजनिति के कठिन रास्ते पर चलने के लिए आगे लाया तो भी तकलीफ है ,तो कम से कम देख तो लो आगे क्या परिवर्तन होता है ।
अगर नही तो अपने घर की किसी कुवांरी बेटी या बहन को समाज जगाने के लिए किसी नुक्कड़ न सही किसी मंच पर खड़ाकर मनुवाद के खिलाफ दो शब्द बुलवाकर ही दिखा तो ...नजरें क्यों झुका लिए है साहस नही न फिर काहे शोशल मीडिया में रात दिन उस महान नेता के खिलाफ लिखते हो जिसने तुम्हारे उत्थान में अपना जीवन समर्पित कर दिया ।

जय भीम जय भारत
माननीय बहिन जी जिंदावाद।

No comments:

Post a Comment