Thursday, June 13, 2019

बुद्धिस्ट तीर्थ स्थान (Buddhist Holy Places)

सारनाथ भगवता धम्म-चक्क पवत्तन ठानं। एत्थ भगवा सम्बोधि लभित्वा पञ्च वग्गीय भिक्खूनं धम्मचक्क पवत्तयि। अनन्तरं भगवा बुद्धस्स अनगिनत अनुयायिनो सम्पूण्णं जम्बुदीपे अभविंसु।


राजानो, गहपतियो, समणा, बाह्मणा, महिसिया, गणिका सब्बे'व भगवतो बुद्धस्स अनुयायिनो अभविन्सु। सम्पूण्णं जम्बुदीपे भगवतो बुद्धस्स  मानव कल्याणकारी धम्मो अपसरि।

Related imageभारत भूमि, विसस्स सोगातानं पावन-भूमि। जना अत्थ आगच्छन्ति, भगवता नमन्ति, अभिनन्दति। धञ्ञो अयं भारत देसो, यत्थ भगवा बुद्धो उप्पन्नो।

पञ्च चत्तालिसति वस्सानि भगवा यानि यानि ठानानि उपदेसितानि, तानि ठानानि महा तित्थानि'ति वुच्चन्ति। भगवतो बुद्धस्स जीवनेन सम्बद्धानि चत्तारि ठानानि महत्त पुण्णानि सन्ति। भगवता बुद्धेन स्वयं महा परिनिब्बान पुब्बं एतेसं दस्सनं महत्तं कथितं आसि।

एतानि चत्तारि दस्सनियानि ठानानि एवं पकारेण सन्ति-
1. जाति ठानं लुम्बिनी वनं।  2. सम्बोधि लाभ ठानं बुद्धगया(उरुवेला)। 3. धम्मचक्कपवत्त ठानं सारनाथो(इसि-पतनमिगदायो)। 4. महा परिनिब्बान ठानं कुसिनारा (मल्लानं साल वनं)। 

इतोपि, चत्तारि ठानानि भगवा बुद्ध सम्बद्धानि सन्ति, यानि सम्पूण्णेे विस्से बुद्ध पूजा ठानं विय विराजन्ते।  तानि इमानि सन्ति- 1. सावत्थी  2. संकिस्सा  3. नालंदा सहितं राजगिरं 4. वेसाली।  इमानि सब्बानि मिलित्वा अट्ठ महा तित्थानि'ति  वुच्चन्ति।  पच्चेक सोगातान एतेसं दस्सनं अवस्सं  करणीयं।

इतोपि अनेकानि बुद्ध तित्थानि भारत भूूमियं सुसोभन्ते। नागपुरस्स दिक्खा भूमि अतीव विख्यातं। एत्थ बाबासाहब अम्बेडकरो एकूूनविसति छ पञ्चासा सतमे वस्से अक्टूबर मासस्स चतुद्दसमे दिवसे अत्तनो अनुयायियो सह  धम्मचक्क पवत्तन कृत्वा भारत भूमियं पुनं एकं बारं बुद्धमय अकरि ।

छत्तीसगढ़स्स सिरपुर ठानं अतीव विस्स पसिद्धं अत्थि।  एतस्स पुरातनं नामं सिरिपुरं'ति आसि ।  एतस्मिं ठाने अतीव विसाल बुद्ध विहारानं समुच्चय ठानं वत्तति। पूरा काले अयं मगध रट्ठस्स राजधानी आसि।

सारनाथ भगवता धम्म-चक्क पवत्तन ठानं। एत्थ भगवा सम्बोधि लभित्वा पञ्च वग्गीय भिक्खूनं धम्मचक्क पवत्तयि।


बुद्धगया, राजगिरं, नालंदा, कुसिनारा, कपिलवत्थु, लुम्बिनी, वेसाली, सावत्थी, संकिस्सा, सांची इच्चादि केसंचि महत्त पुण्णानं  बुद्ध तित्थानं सन्ति। 
10 Feb 2019  :  
वेसाक पुण्णमी-
वेसाक पुण्णमी ति-गुण पावन पुण्णमी'ति  नामेन विख्याता ।
वेसाक मासस्स पुण्णमी दिने मयं तिगुण पावन पुण्णमी आचराम। ति-गुणं अत्थं ति-विधा गुणं। भगवा बुद्ध सम्बद्धानि ति-विधा महत्त पूण्णानि घटनानि सन्ति। वेसाक पुण्णमी दिनं येव भगवा बुद्धो उप्पन्नो। अस्मिं दिने हिमवन्त पदेसे लुम्बिनी वने भगवा महिसिया महामायाय कुच्छियाय विजायि। अनेन अयं सोगतानं पठमं धारणीयं वत्तं दिनं।

दुतियं, वेसाक पुण्णमी, अयं भगवा सम्बोधि लाभ दिनं। उरुवेलायं बोधि रुक्ख मूले निसिन्नो भगवा सम्बोधि लाभो अकरि। ततियं, वेसाक पुण्णमी, भगवा महा परिनिब्बानस्स दिनं। अस्मिं एव दिने कुसिनारायं मल्लानं सालवने  दिन्नं साल रुक्खानं अधो भगवा परिनिब्बानं अलभि। एवं पकारेण वेसाक पुण्णमी ति-गुण पावन पुण्णमी नामेन विख्याता।

वेसाक पुण्णमी दिने पुब्बे'व बुद्ध अनुयायियो अत्तनो-अत्तनो घरे स्वच्छं च साज-सज्जं करोन्ति। सायं काले सब्बे घरेसु दीप माला जालित्वा उस्सवं आचरेन्ति। बुद्ध विहारानं अपि सज्जं करोन्ति। दीप मालेहि जोतन्ति, पकासेन्ति। अस्मिं दिने पातेव उट्ठहित्वा सिनानं  कत्वा बुद्ध विहारे गच्छन्ति। ति-रतनं पूजन्ति, वन्दन्ति नमन्ति। जना अञ्ञ-मञ्ञं अभिनन्दन्ति, सुभ कामना, पेसेन्ति देन्ति पटि-ददान्ति। रत्तियं घरे विविध भोजना नि खज्जानि पाचेन्ति। मित्तानं पायासं वितरन्ति।

पियदस्सि असोको  धम्मराजा
ठाने-ठाने तेन सीलालेखा, थम्बलेखा, गुहालेखा लिखापिता। जनेहि धम्माचरणं च सम्माचरणं चरितब्बं'ति तं पमुखा संदेसा। सब्बासु दिट्ठिसु तस्स समान भावो। धम्मराजा'ति असोको विस्सुतो इतिहासके।


तस्स रज्जं जम्बुुदीपस्स महत्तं राजानं विसालं येन सो 'चक्कवत्ती असोको''ति नामेन पसिद्धो, एवं  'देवानं पियो पियदस्सी''ति तेसु सीलालेखेसु कथयति ।

असोक थम्बे ठिता चत्तारो सीहा भारत देसस्स राज मुद्दा। असोक थम्बे ठितं यं 'धम्म चक्कं' तेन अम्हाकं रट्ठस्स धम्म-धजो अलंकतो।











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सारनाथस्स  'महाबोधि सोसायटी ऑफ़ इण्डिया' बुद्ध विहार













 11 Feb 2019

























12 Feb 2019

                                                                             बुद्धगया

 13 Feb 2019


                                                           बांगला देश बुद्धिस्ट महाविहार

















































14 Feb 2019











14 Feb 2019 : प्राग्बोधि गुफा


























सुजाता


 15 Feb 2019  : रोप वे : शांति स्तूप की ओर








































































 16 Feb 2019













 17 Feb 2019: भदंत ज्ञानेश्वर बुद्ध विहार कुसीनगर























कुसिनारा-
यत्थ, भगवा वेसाख पूण्णमी दिवसे महापरिनिब्बाणं अलभि। भगवा दस्सनाय देसस्स, अपरं देसस्स जना अभिक्खणं आगच्छन्ति। ते भगवा पस्सन्ति, परिभमन्ति, नमन्ति, वन्दन्ति। 

6.10 मीटर लम्बी विशाल मूर्ति लेटी मुद्रा में

परिनिब्बाण थूपो-


बुद्ध काले, कुसिनारा मल्लस्स राजधानी अहोसि। महापरिनिब्बाणं सुत्तानुसारेन, कुसिनारा मल्लेहि भगवतस्स  दाह किरिया यथोचित सम्मानेन अभवि ।


 18 Feb 2019























 19 Feb 2019









 20 Feb 2019: काठमांडू नेपाल
                                                                    Buddhnath Stupa














                                                               Swoyambhu Stupa











21 Feb 2019

कपिलवत्थु , रञ्ञो  सुद्धोदनस्स नगरी। सिद्धत्थो, रञ्ञो सुद्धोदनस्स पुत्तो। अयमेव सिसु कालान्तरेण भगवा गोतम बुद्धो'ति  नामेन विख्यातो। 






 22 Feb 2019











23 Feb 2019 : लखनऊ







































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