Saturday, June 22, 2019

योग/विपस्सना

योग/विपस्सना, पेट भरे लोगों के चोंचले हैं ! यह हराम की कमाई को पचाने का अभ्यास है. यह पेट-भरों का मुजफ्फरपुर जैसी घटनाओं को दबाने का प्रयास है. 
योग हो या विपस्सना, यह मूक और अनाथ बच्चियों, काम-काजी महिलाओं से आये दिनों हो रहा बलात्कार, कमजोरों पर हो रहे अत्याचार जैसी विकराल समस्याओं से बचने का उपाय है. यह सिखाता है कि कैसे लोगों के सवालों से आँख-मूंद कर रहा जा सकता है ? यह झुण्ड के झुण्ड बेरोजगारों को पढ़ाता है कि कैसे बढ़ती बेरोजगारी से ध्यान हटा कर 'राष्ट्रभक्ति' पर सांस रोकी जा सकती है ?

No comments:

Post a Comment