एक बार पडोसी ने संत रविदास को हरिद्वार चलने के लिए कहा। रविदास अपने काम में मग्न थे. फिर भी उन्होंने पडोसी से पूछा- हरिद्वार क्यों ?
पड़ोसी ने कहा कि गंगा स्नान से सबके पाप धुल जाते है. इस पर रैदास बोले- "मन चंगा तो कठौती में गंगा" यानी मेरा मन साफ है तो कठौती का पानी ही गंगा के समान है।
पड़ोसी ने कहा कि गंगा स्नान से सबके पाप धुल जाते है. इस पर रैदास बोले- "मन चंगा तो कठौती में गंगा" यानी मेरा मन साफ है तो कठौती का पानी ही गंगा के समान है।
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