Friday, November 22, 2013

Hindu Media

तरुण तेजपाल यौन शोषण प्रकरण से स्प्ष्ट हो गया है कि मिडिया, खबरे जैसे के तैसे पेश नहीं करता।  वरन उनकी फ्रेमिंग करता है-अपने अपने हिसाब से।  यहाँ तक कि खबरों को पूरा का पूरा गायब भी करता है।

देश के मिडिया से हमारी हमेशा शिकायत रही है। दलित शोषण और अत्याचार पर मिडिया अव्वल तो खामोश रहता है। उसे यह घटनाएं रोजमर्रा की लगती है। उसे यह कभी नहीं लगता कि ये घटनाएं अन्याय और बर्बरता पूर्ण हैं। ठीक यही स्थिति नारी अत्याचार और शोषण की  है। किन्तु , नारी अत्याचार और शोषण का ताल्लुक अगर किसी उच्च जाति की महिला से है तब तो उस पर खूब हाय-तौबा की जाती है। कई-कई दिनों तक लोगों को झक-झोरा जाता है।

हिन्दू-मुस्लिम दंगों में मिडिया का रोल देखते ही बनता है। खबरों को इस तरह दिया जाता है कि दस बार पढने के बाद भी पता नहीं लगता कि दरअसल हुआ क्या है ? किन्तु अगर दंगे की वजह मुसलमान है तो फिर खबरें सिलसिलेवार होती हैं। कमोवेश मिडिया का यही रुख क्रिश्चियनों के साथ होता है।

सवाल पूछा जा सकता है कि क्या मिडिया में मुस्लिम और क्रिश्चियन नहीं होते ? भई, क्रिश्चियन और मुस्लिम तो बीजेपी में भी हैं ? तो क्या 'हिन्दू राष्ट्र' की  बात वहाँ क्रिश्चियन और मुस्लिम करता है ?

आजकल मिडिया से कांग्रेस पार्टी बहुत परेशान है। अकसर देखा जाता है कि कांग्रेस के प्रवक्ता मोदी के झूंठ को काउंटर नहीं कर पाते।  दरअसल, मिडिया ने यह गठजोड़ कर रखा है कि मोदी को देश का अगला प्रधान मंत्री बनाना है। और यही कारण है कि मिडिया दिन और रात कांग्रेस की बुराई में रत है। बहस के दौरान बीजेपी को पूरा मौका देता है किन्तु कांग्रेस को गोल-मोल कर देता है। 

No comments:

Post a Comment