दलित एकता : पञ्च विकार
1. 48.5 % ओबीसी बीजेपी को अपनी पार्टी मानता है। यादव हो या कुर्मी, काछी; तत्कालिक राजनैतिक जो प्रतिबद्धता हो, दलित जातियों से जन्मजात घृणा करते हैं।
2. 3.5% उच्च जातीय हिन्दू , राजनैतिक रूप से चाहे जिस पार्टी में हो, आम तौर पर बीजेपी को उनके वर्गीय/जातीय हितों का स्वाभाविक संरक्षक मानते हैं।
3- o.3% जैन और 1.7% सिक्ख खुद को हिन्दू समझते हैं. चूँकि ये धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, अत: ये सतत अपने को हिन्दू साबित करते रहते हैं.
4. 2.5% क्रश्चियन, 14.5% मुस्लिम बीजेपी से असुरक्षित महसूस करते हैं.
5. सबसे ख़राब हालत 28% दलित-आदिवासियों(20+8) की हैं. राजनैतिक होड़ में वे आपस में ही बुरी तरह बंटे हैं. इनके वोट बंटने का सीधा लाभ बीजेपी को मिलता है।
2. 3.5% उच्च जातीय हिन्दू , राजनैतिक रूप से चाहे जिस पार्टी में हो, आम तौर पर बीजेपी को उनके वर्गीय/जातीय हितों का स्वाभाविक संरक्षक मानते हैं।
3- o.3% जैन और 1.7% सिक्ख खुद को हिन्दू समझते हैं. चूँकि ये धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, अत: ये सतत अपने को हिन्दू साबित करते रहते हैं.
4. 2.5% क्रश्चियन, 14.5% मुस्लिम बीजेपी से असुरक्षित महसूस करते हैं.
5. सबसे ख़राब हालत 28% दलित-आदिवासियों(20+8) की हैं. राजनैतिक होड़ में वे आपस में ही बुरी तरह बंटे हैं. इनके वोट बंटने का सीधा लाभ बीजेपी को मिलता है।
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