Tuesday, May 21, 2019

बुद्धाब्द

 बुद्धाब्द
बौद्ध जगत में काल-गणना के लिए बुद्धाब्द का प्रयोग सर्वविदित है। इसका प्रारम्भ, बुद्ध महा-परिनिर्वाण तिथि;  483 ई. पू. है। उल्लेखनीय है कि भारत के पड़ोसी देश; सिरीलंका(सिंहल द्वीप), थाईलैंड(स्याम), बर्मा(म्यांमार) आदि, बुद्ध का महा-परिनिर्वाण ई. पू. 544 मानते हैं जिससे उनकी जन्म-तिथि 624 ई. पू. प्राप्त होती है। अर्थात बौद्ध देशों की उक्त परम्परा और भारतीय इतिहासकारों द्वारा मान्य परम्परा में करीब 61  वर्ष का अन्तर है।

सिरिलंका के ऐतिहासिक ग्रंथ ‘महावंश’ के अनुसार अशोक का राज्यभिषेक भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण से 218 वर्ष बाद हुआ था। सनद रहे, प्रजा से अशोक को अपने इस राज्यभिषेक की स्वीकृति 4 वर्ष बाद मिली थी। अर्थात् वास्तव में, अशोक का राज्यारम्भ बुद्ध महापरिनिर्वाण के 214 वर्ष बाद हुआ था।

बिन्दुसार के पुत्र चन्द्रगुप्त मौर्य ने 24 वर्ष और बिन्दुसार ने 28 वर्ष शासन किया था। अर्थात् चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यारम्भ बुद्ध महापरिनिर्वाण के 162 (214-52) वर्ष बाद हुआ था। भारतीय इतिहासकारों द्वारा चन्द्रगुप्त मौर्य की राज्यारम्भ तिथि 321 ई.पू. निश्चित की गई है। अब अगर इसमें 162 वर्ष जोड़ा जाए तो बुद्ध का महापरिनिर्वाण 483 ई.पू. निश्चित होता है। बुद्ध 80 वर्ष तक जीवित रहे। इससे बुद्ध की जन्म-तिथि 563 ई.पू. सिद्ध होती है। प्रसिद्द बौद्ध विद्वान और इतिहासविद  रीज डेविड ने यही तिथि मान्य की है(भूमिकाः महावंस) ।

दूसरे, फाहियान(300-400 ईस्वी ) ओर ह्वेनसांग(600-700 ईस्वी ) ने कनिष्क को बुद्ध परिनिर्वाण के 400 वर्ष बाद राजा होना बताया है। कनिष्क का शासन-काल का प्रारंभ लगभग 78 ई. माना जाता है। इस आधार पर भी बुद्ध का जन्म 558 ई. पू. ठहरता है, जो 563 ई. पू. के सन्निकट है(बौध्द धर्मः एक अघ्ययनः डॉ. अवधेश सिंह पृ. 59)।

 बुद्धाब्ध की गणना हेतु चालू ईस्वी सन् 2019 में 483 जोड़कर फिर उसमें 61 और जोड़ा जाए तो वर्तमान बुद्धाब्द 2563 निकल आता है।
- अ ला ऊके  amritlalukey.blogspot.com

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