Thursday, May 9, 2019

गाली

प्रिय मोदीजी, आप कहते हैं कि कांग्रेस सहित विरोधी पक्ष के लोग आपको गाली देते हैं ? सर, आप पहले पीएम है, जिसे लोग 'गाली' देते हैं ! जहाँ तक हमारी जानकारी है, अभी तक किसी पीएम ने सार्वजानिक तौर पर नहीं कहा कि विरोधी पक्ष के लोग उन्हें गाली देते हैं ? सर, क्या आपने कारण जानना चाहा है कि राजनीतिक विरोधी ही सही, आपको गाली क्यों देते हैं ? अपने कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के नेताओं का भी नाम लिया है ! आखिर, वे आपको गालो क्यों देते हैं ? उनको किसने उकसाया आपको गाली देने के लिए ? कहीं इसमें 'पाकिस्तान' का तो हाथ नहीं ? कहीं वह तो नहीं उकसा रहा है ? अगर ऐसा है तो आपकी इंटेलीजेन्स एजेंसियां IB, CBI, क्या कर रही हैं ? और सबसे बड़ी बात,हमारे तमाम 'चौकीदार' क्या कर रहे हैं ?
सर, गाली देना नितांत असभ्यता और गवारु पन है। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए । देश के पीएम को गाली देना हंसी-मजाक नहीं है। सर, कांग्रेस सहित 'पाकिस्तान' और 'नीति आयोग' में बैठे उन अफसरों की 'भाषा' पर भी आपको नजर रखनी होगी जो आपका 'भाषण' तैयार करने जिला कलेक्टरों से जानकारी जुटाते हैं ! सर, क्षमा करें, आपकी भाषा और बोल लोगों को उकसाते हैं, भड़काते हैं. भले ही चुनाव आयोग ने सरकारी दबाव-वश अपना अपना मुंह बंद रखा हो, परन्तु आप लोगों का मुंह बंद कैसे कर सकते हैं ? अगर आप भड़काने वाली भाषा बोलेंगे तो लोग भड़केंगे ही. और फिर, भड़का आदमी शास्त्रीय धुन में 'मल्हार राग' तो नहीं गायेगा ?
सर, पीएम के बोल प्रेरणा दायक होना चाहिए, सन्देश देने वाले होना चाहिए. भाषा और शब्द में मर्यादा होनी चाहिए, उनमें कूट-कूट कर गंभीरता होना चाहिए. विभिन्न जाति और सम्प्रदाय के लोगों को जोड़ने वाली होनी चाहिए.प्रेम और भाई-चारा बढाने वाली होनी चाहिए. लोग कितना ही आपका विरोध करें, आपके शब्द नपे-तुले और भाषा संयत होनी चाहिए। किन्तु दुःख है, आपके भाषण में इन सबका अभाव होता है. चाहे चुनाव का ही समय क्यों न हो, मर्यादा की सीमा अनिवार्यत: होनी चाहिए।
सर, आप अपने तमाम भाषणों की स्क्रिप्ट निकाल कर देखे तो आपको खुद-बी-खुद एहसास हो जाएगा कि इसकी शुरुआत आपने की है और मजे की बात आपक सारा मीडिया रस ले ले कर आपको हाई-लाईट करने में मद-मस्त रहा। आप हजारों करोड़ का उन्हें 'एड' देते हैं तो वह ऐसा करेगा ही ?

सर, जहां तक गाली देने की बात है, यह बहुत ही गन्दी बात है. राजनीति में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने की बात हमने सुना है, मगर गाली देना, भारतीय राजनीति में यह एक नई इंट्री है, नया पाठ है. लोग इसे आसानी से नहीं पचा पाएंगे. गाली का हाजमा राजनीति को किस गर्त में ले जायेगा, सोच कर मन वितृष्णा से कांप उठता है. सर राजनीति में हमारी माँ-बहनें भी होती हैं . संसद में पहली बेंच पर बैठा देश का पीएम कहें कि कांग्रेस सहित विरोधी पक्ष के लोग उन्हें गाली देते हैं, तो देश तो छोडिए, अंतर राष्ट्रीय जगत क्या बोलेगा ? चाल-चरित्र से हमारी सभ्यता अनुकरणीय रही है, सर, हम गाली सहन नहीं कर सकते ?
-सर, मेरा यह पत्र आप तंज के रूप में न लेकर अपंने आत्मावलोकन के लिए लेंगे, इसी उम्मीद के साथ। - एक जिम्मेदार नागरिक। 

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